मझगांव.मझगांव प्रखंड की ग्रामीण जलापूर्ति योजना बीते 12 महीनों से बंद है, जिससे बलियापोसी, पडसा और मझगांव पंचायतों के दर्जनों गांवों में लगभग 2300 परिवार जल संकट का सामना कर रहे हैं. ग्रामीणों को मार्च माह में ही पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है.
निरीक्षण के बावजूद कोई समाधान नहीं
22 मार्च को जिला उपायुक्त, स्थानीय विधायक एवं जिला के वरीय पदाधिकारियों ने जलापूर्ति योजना का औचक निरीक्षण किया था. उपायुक्त को इस योजना की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. निरीक्षण के दौरान कई खामियां उजागर हुईं, जिसके कारण जिला उपायुक्त ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को फटकार लगायी और जांच टीम गठित करने की बात कही थी.
15-20 दिन बाद ही जलापूर्ति ठप
निरीक्षण के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, और मात्र 15-20 दिन बाद ही जलापूर्ति पूरी तरह से बंद हो गई. इससे 2300 परिवारों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.हर साल दोहराई जाती है समस्या
इस योजना के शुरू होने के बाद से ही हर वर्ष मार्च से जून-जुलाई तक जलापूर्ति बाधित रहती है. ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की और विभाग ने आश्वासन दिया था कि नदी में पानी स्टोरेज के लिए डैम बनाया जाएगा, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं की गई.
कर्मियों ने पानी की कमी को बताया कारण
जलापूर्ति कर्मियों के अनुसार नदी में पानी की कमी के कारण जलापूर्ति बंद है. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही और अव्यवस्थित योजना के कारण वे हर साल इस समस्या से जूझते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है