दुम्बीसाई के अर्जुन हाॅल में हो हयम मरसल अकड़ा व देशाउली फाउंडेशन की ओर से आदिवासी रचनात्मक कलाकारों के लिए मंगलवार को कार्यशाला किया गया. कार्यशाला में कोल्हान से 75 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. कार्यशाला में बीडीओ ने कहा कि युवाओं को कौशल विकास पर जोर देने की बात कही. उन्होंने कहा कि हमें अपने हाथों की कला और कौशल को मजबूत बनाकर रोजगार के नये रास्ते तलाशने चाहिए. इस तरह की प्रशिक्षण कार्यशालाएं युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हैं.
कौशल के लिए अभ्यास जरूरी
देशाउली फाउंडेशन के संस्थापक साधु हो ने कहा कि प्रशिक्षण में शामिल होकर कौशल हासिल नहीं कर सकते है. इसे रोज अभ्यास करने की जरूरत है. कहा कि सभी प्रतिभागी अपने आसपास के जंगलों में जाएं, प्रकृति से जुड़ें. अनोखे चीजों पर रिसर्च करें और रचनात्मक चीजों को दुनिया के सामने लाएं. मौके पर जगन्नाथ हेस्सा, भीम विक्रम बुड़िउलि, श्याम कुदादा, नामा सगेन, हीरामनी देवगम, सुशीला बोदरा, रोविंस देवगम, गोवाई गागराई, बनमाली तामसोय, सुमित बालमुचु उपस्थित थे.
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