नोवामुंडी.नोवामुंडी कॉलेज में रविवार को ””विश्व जल दिवस”” मनाया गया. कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों ने जल संरक्षण की शपथ ली और अपने दैनिक जीवन में जल बचाने के लिए संकल्प को दोहराया.
कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर मनोजित विश्वास ने कहा कि “जल संरक्षण केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी भी है.उन्होंने कहा कॉलेज परिसर में जल संरक्षण के लिए एक तालाब का निर्माण किया गया है, जो न केवल वर्षा जल को संचित करता है बल्कि आसपास के भूजल स्तर को भी बनाए रखने में सहायक है.वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से छतों से गिरने वाले वर्षा जल को संरक्षित करने की व्यवस्था की गयी है. छात्र-छात्राओं के लिए कॉलेज कैंटीन और पेयजल स्थलों पर उपयोग के बाद नीचे गिरने वाले पानी को भी बर्बाद होने से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. इस जल को एकत्रित कर बगीचों और अन्य हरित क्षेत्रों की सिंचाई में उपयोग किया जाता है. कॉलेज द्वारा अपनायी गयी यह पहल न केवल जल संरक्षण को प्रोत्साहित करती है, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
मैदान को हरा भरा रखने का प्रयास
प्राचार्य ने कहा कॉलेज परिसर में बने फुटबॉल मैदान के कार्पेट ग्रास की हरियाली बनाये रखने के लिए भी जल संरक्षण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है. गर्मी की दिनों में जब जल स्तर में कमी होती है, तब इस संचित जल का उपयोग कर इस मैदान को हरा- भरा रखा जाता है. कुशल माली की देखरेख में यह कार्य सफलतापूर्वक किया जा रहा है.
परिसर में लगाये गये हैं कई फलदार पेड़
प्राचार्य ने कहा कि विभिन्न अवसरों पर कॉलेज के चेयरमैन श्री मधु कोड़ा, कॉलेज की अध्यक्ष श्रीमती गीता कोड़ा, जिले के कई उपायुक्त, केयू के कुलपति, टाटा स्टील के प्रबंधक अतुल भटनागर आदि द्वारा समय-समय पर लगाये फलदायक पेड़ व औषधि उद्यान पोषित होकर फल दे रहे हैं. जल संरक्षण प्रयासों के बाद यह सार्थक हो पाया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है