चतरा.जिले में बड़े पैमाने पर कोयले की तस्करी हो रही हैं. कई थानों से होते हुए अवैध कोयले का खेप दूसरे प्रदेशों तक पहुंच रहा है. कोयले के इस अवैध कारोबार से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. कोयला माफियाओं और पुलिस के गंठजोड़ से यह धंधा फल-फूल रहा है. फर्जी चालान के जरिए हाइवा व ट्रक से कोयले की चोरी हो रही है. बताया जाता है कि अवैध कोयले का खेप टंडवा, सिमरिया, सदर थाना, वशिष्ठ नगर थाना व हंटरगंज थाना होते हुए गुजरता है, लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं मिल रही है. इधर, जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक में लगातार कोयले की चोरी की रोकथाम को लेकर निर्देश दिये जाते रहे है, लेकिन जमीन पर कोयला माफियाओं पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में कोयला तस्करों का मनोबल बढ़ा हुआ है. प्रशासनिक दबाव पर कभी वाहनों को पकड़ा भी जाता है, तो खानापूर्ति कर छोड़ दिया जाता है. बताया जाता है कि अवैध कोयले को बिहार के विभिन्न क्षेत्रों व अन्य प्रदेशों में ले जाया जाता है. अवैध कोयला लदे वाहनों का बाइक व चारपहिया वाहनों से स्कॉर्ट भी किया जाता है.
कोयला तस्करों के विरुद्ध अब तक हुई कार्रवाई
-23 मई को प्रतापपुर पुलिस ने बिहार की सीमा पर स्थित घोरीघाट से कोयला लदे तीन हाइवा को जब्त किया था. साथ ही स्कॉट कर रही एक स्कॉर्पियो को जब्त किया था. इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
-गत 13 जून को नीमा रोड से कोयला लदा एक ट्रक जब्त किया गया था. कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर क्विक रिस्पोंस टीम (क्यूआरटी) व प्रतापपुर पुलिस की ओर से किया गया था.
-25 जून की रात वन विभाग ने चतरा-बगरा मार्ग स्थित चेकनाका नंबर वन के पास से अवैध कोयला लदे 10 हाइवा को जब्त किया गया. वहीं कोयले लदे वाहनो को स्कॉर्ट कर रही एक वैगनआर (जेएच-02एआर 8223) को जब्त किया है. मौके से चार लोगो को गिरफ्तार किया गया था.
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