सिमरिया. प्रखंड के कसियाडीह गांव में बुधवार को प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां ग्रामीणों ने खुल कर अपनी बातें रखीं. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में सड़क, बिजली, शिक्षा व सिंचाई से जुड़ी समस्याएं हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या पेयजल को लेकर है. गांव की आबादी लगभग 500 है, जो कुरमी जाति के हैं. इस गांव में दो जलमीनार, तीन चापनल व एक कुआं है. दो जलमीनार हैं, जो खराब पड़ी हैं, जबकि चापानल का जलस्तर नीचे चला गया. यहां के ग्रामीण 300 मीटर दूर खेत में बने कुआं से पानी लाकर प्यास बुझाते हैं. कसियाडीह-चंदिया सड़क नहीं बनने से लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है. मध्य विद्यालय है, जो एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई सही से नहीं हो पा रही है. गांव में बिजली तो है, लेकिन लो वोल्टेज की समस्या रहती है. सिंचाई की सुविधा नहीं है. किसान बरसात के पानी पर निर्भर हैं. शिक्षक की कमी से पढ़ाई प्रभावित: नरेश नरेश प्रसाद ने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है. एक शिक्षक के ऊपर आठ क्लास तक के बच्चों की जिम्मेवारी है. यहां शिक्षक की व्यवस्था किया जाये, ताकि बच्चों की पढ़ाई बेहतर हो सके. जर्जर सड़क से होती है परेशानी : अनिरुद्ध अनिरुद्ध प्रसाद ने कहा कि सड़क जर्जर रहने से आने-जाने में परेशानी होती है. बरसात में इस पर चलना मुश्किल हो जाता है. टेंडर भी हुआ है, लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है. पानी के लिए होती है परेशानी : जागो जागो महतो ने कहा कि गर्मी शुरू होते ही गांव में पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. जहां-तहां से पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है. स्कूल में एक चापानल है, वह भी खराब पड़ा है. बच्चे 500 मीटर दूर से पानी लाकर पीते हैं. सिंचाई की सुविधा नहीं : लालदेव लालदेव महतो ने कहा कि गांव में सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है. बरसात के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है. गर्मी आते ही तालाब पोखर सूख जाने से खेती नहीं कर पाते हैं. सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है. बिजली नहीं रहती है : तापेश्वर तापेश्वर प्रसाद ने कहा कि गांव में पर्याप्त बिजली नहीं मिलती है. बिजली की अनियमित आपूर्ति होती है. लो वोल्टेज की समस्या रहती है. बिजली नहीं रहने से सिंचाई नहीं हो पाती है और गर्मी में रहना मुश्किल हो जाता है.
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