चतरा. चतरा समेत आसपास के इलाके में बालू व छर्री के अभाव में लोग मकान नहीं बना पा रहे हैं. कुछ लोग दूसरे स्थानों से अधिक दाम पर बालू व छर्री खरीद कर मकान बनवा रहे है. निर्माण सामग्री नहीं मिलने से सबसे अधिक परेशानी पीएम व अबुआ आवास के लाभुकों को हो रही है. कई आवास अधूरा पड़ा हुआ है. लाभुकों के अनुसार प्रखंड प्रशासन की ओर से आवास निर्माण का दबाव बनाया जा रहा है, जबकि निर्माण सामग्री मिल नहीं रहा है. ग्रामीणों के अनुसार गांवो में कुछ लोग चोरी-छिपे बालू स्थानीय नदियों से उठा कर अधिक कीमत पर बेच रहे हैं. टेंडरवाली नदियो में एनजीटी ने बालू उठाव पर रोक लगा रखी है. जिले के हंटरगंज प्रखंड में तीन बालू घाट वैध है. हंटरगंज से दूसरे प्रखंडों के लोगों को बालू खरीदारी में अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी. क्रशर का नहीं हो रहा है संचालन: बताया जाता है कि जिले में कई पत्थर माइंस बंद पड़े हैं. इस कारण पत्थर का उत्खनन नहीं हो पा रहा है. क्रशर का भी संचालन नहीं हो रहा है. एक या दो माइंस चल रहा है. माइंस संचालकों की ओर से महंगे दर पर क्रशर को पत्थर उपलब्ध कराया जा रहा है. इस कारण छर्री की कीमत आठ हजार रुपये से अधिक प्रति ट्रैक्टर हो गया है. पहले 6200 रुपये प्रति ट्रैक्टर मिलता था. इसके बाद बालू की कीमत भी बढ़ गयी है. बालू 3200 रुपये प्रति ट्रैक्टर मिल रहा है. महंगाई के कारण घर बनाने में लोगों को परेशानी हो रही है. क्या कहते हैं लाभुक पत्थलगड्डा प्रखंड नावाडीह के अबुआ आवास की लाभुक गुड़िया देवी ने कहा कि बालू नहीं मिलने के कारण आवास का निर्माण कार्य बंद है. भुनेश्वरी देवी ने कहा कि बालू व छर्री का दाम आसमान छू रहा है. ऐसे में काम बंद किया गया है. निजी मकान बना रहे गणेश दांगी ने बताया कि गांगपुर से 8500 रुपये प्रति ट्रैक्टर छर्री मंगाकर घर का निर्माण कर रहे हैं. क्या कहते हैं डीएमओ डीएमओ मनोज टोप्पो ने कहा कि वर्तमान में एनजीटी की ओर से नदियों से बालू के उठाव पर रोक लगा दी गयी है. पूर्व में स्टॉक बालू की बिक्री हो रही है. प्रखंडों में अवैध बालू की रोकथाम को लेकर प्रखंड टास्क फोर्स बनाया गया है. अवैध बालू उठाव व परिवहन करनेवालों पर कार्रवाई की जा रही है.
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