: छह चापानलों में से चार खराब कुंदा. बौधाडीह पंचायत के हारुल व चितवातरी गांव में ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. प्राथमिक विद्यालय में मध्याह्न भोजन बनाने में काफी परेशानी हो रही है. गांव की आबादी एक हजार से अधिक है. गांव में आदिवासी समाज के लोग रहते है. गांव में छह चापानल हैं, जिसमें चार चापानल कई माह से खराब पड़े हैं. विद्यालय परिसर में लगा चापानल भी खराब हो गया है. मध्याह्न भोजन बनाने के लिए चुआं का सहारा लेना पड़ रहा है. नदी में चुआं खोद कर पानी इकट्ठा करते हैं, फिर उसी पानी से मध्याह्न भोजन तैयार किया जाता है. उक्त दोनों गांव पहाड़ व घने जंगल के बीच बसा है. सुनीता देवी ने कहा कि चापानल खराब होने के कारण नदी व कुआं से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं. शिक्षक गोपाल सिन्हा ने बताया कि गांव में पानी की समस्या है. स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी हो रही है.
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