चतरा. राज्य संपोषित बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय में बुर्का पहनकर आनेवाली छात्राओं ने शिक्षिकाओं पर मारपीट का आरोप लगाया है. मारपीट में घायल छात्राओं का इलाज सदर अस्पताल में किया गया. इसकी सूचना मिलने पर अभिभावक समेत काफी संख्या लोग अस्पताल पहुंचे और हंगामा किया. अभिभावकों का कहना था कि किसी भी शिक्षिका को छात्राओं के धार्मिक पहनावे पर सवाल उठाना या मारपीट करने का अधिकार नहीं है. अभिभावकों ने शिक्षिकाओं पर कार्रवाई करने व प्रताड़ित करनेवाली छात्राओं को विद्यालय से निलंबित करने की मांग की है. इसकी सूचना मिलने पर एसडीओ जहुर आलम, डीइओ दिनेश कुमार मिश्र, थाना प्रभारी विपिन कुमार अस्पताल पहुंचे और लोगों को शांत कराया. एसडीओ ने छात्राओं से एक-एक कर मामले की जानकारी ली. छात्राओं ने बताया कि बुर्का पहनकर विद्यालय पहुंचने पर शिक्षिका उन्हें परेशान करती हैं. वहीं कई बार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. बुर्का उतारकर विद्यालय में बैठने की बातें कही जाती हैं. क्या है मामला : मंगलवार की सुबह स्कूल ड्रेस के साथ बुर्का पहनकर कुछ छात्राएं विद्यालय पहुंची थीं. शिक्षिकाओं ने ड्रेस कोड का हवाला देते हुए बुर्का उतारने को कहा. जब छात्राओं ने इसका विरोध किया, तो शिक्षिका ने जबरन बुर्का हटवाया और विरोध करने पर कई छात्राओं ने भी उनके साथ मारपीट की. इसमें दो छात्राएं घायल हो गयी. इधर, मामले की जानकारी मिलने पर एसडीओ समेत कई पदाधिकारी विद्यालय पहुंचे. एसडीओ ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीतू कुमारी प्रजापति को फटकार लगायी. प्रधानाध्यापिका ने कहा प्रभारी प्रधानाध्यापिका नीतु कुमारी प्रजापति ने कहा कि विद्यालय में ड्रेस कोड लागू है. घर से बुर्का पहन कर आये और गेट के अंदर पहुंच कर उसे खोलने की बात कही गयी है, ताकि विद्यालय में एकरूपता बनी रहे. उन्होंने कहा कि छात्राओं के साथ मारपीट का आरोप गलत है. एसडीओ ने कहा एसडीओ जहुर आलम ने कहा कि छात्राओ का आरोप था कि विद्यालय में बुर्का पर प्रतिबंध है, जिसकी जांच की गयी है. जांच आगे भी जारी रहेगी. जल्द ही शिक्षक अभिभावक व विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक करने की बात कही. सरकारी विद्यालय में हिजाब पहन कर आने में कोई रोक नहीं है. मामले का जल्द ही समाधान किया जायेगा.
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