सेकेंड इनिंग: चतरा.
सरकारी सेवा से सेवानिवृत होने के बाद की जिंदगी इंसान के जीवन का अहम मोड़ होता है. कार्यकाल के दौरान व्यक्ति अपने परिवार व बच्चों की पढ़ाई, जीवन यापन की जिम्मेवारी उठाता है. रिटायर होने के बाद नयी जिंदगी की शुरूआत होती है. सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिक इसे अवसर के रूप में लेते हैं. वे समाजसेवी, शिक्षा व धार्मिक कार्यो में खुद को जोड़कर व्यस्त रखते हैं. साथ ही अगले पड़ाव की ओर बढ़ते हैं. प्रस्तुत है विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त लोगों से बातचीत का अंश:बालेश्वर शर्मा निभा रहे हैं सामाजिक कार्यों में भागीदारीसिमरिया प्रखंड के कटिया मुरबे गांव निवासी बालेश्वर शर्मा 1974 में शिक्षक बने. 2011 में मध्य विद्यालय मनातू से वह सेवानिवृत हुये. 37 वर्ष तक शिक्षक के रूप में अपनी सेवा दी. सेवानिवृत्ति के बाद गांव में सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर वह हिस्सा लेते हैं. वहीं धार्मिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं. गांव में उत्पन्न छोटे-मोटे विवादों को सुलझाने में अपनी भागीदारी निभाते हैं.नरेश राम की सामाजिक व धार्मिक कार्यों में है रुचि
चतरा सदर प्रखंड के हासबो गांव निवासी नरेश सिंह 1974 में शिक्षक के पद पर बहाल हुए. वह 2015 में मध्य विद्यालय किशुनपुर से सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने 41 वर्षो तक शिक्षक बनकर सेवा अपनी सेवा दी. फिलहाल वे अपने गांव में सामाजिक व धार्मिक कार्यो मेें बढ-चढ़कर भाग लेते हैं. लोगो की सेवा करते हैं. साथ ही क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं.रामकृष्ण मोची नयी तकनीक की खेती की देते हैं जानकारीगिद्धौर प्रखंड के पांडेयबागी गांव के रामकृष्ण मोची 2003 में शिक्षक के पद पर बहाल हुए. 2025 में पहरा मध्य विद्यालय से सेवानिवृत हुये. 22 वर्षो तक उन्होंने नौकरी की. फिलहाल वे सामाजिक कार्यों के साथ-साथ खेती कर रहे हैं. गांव के लोगों को नयी तकनीक से खेती करने की जानकारी दे रहे हैं. शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं. सामाजिक कार्यों में भी रुचि है.सेना से रिटायर्ड होकर सीमेंट दुकान चला रहे हैं बैजनाथ दांगी
गिद्धौर प्रखंड के बरटा गांव के निवासी बैजनाथ दांगी ने 1996 में आर्मी में ज्वाइन किया. 2013 में अंडमान निकोबार से वह सेवानिवृत हुए. 17 साल तक उन्होंने सेना में अपनी सेवा दी. सेवानिवृत्ति होने के बाद व्यवसायी से जुड़े है. वह फिलहाल सीमेंट दुकान चला रहे हैं. इसके अलावा वह गांव में समाजसेवा कर लोगों को बेहतर जीवन बनाने के पहले में जुड़े हुए हैं.लोगों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं त्रिभुवनगिद्धौर प्रखंड के त्रिभुवन दांगी 2001 में आर्मी में बहाल हुए. वह 2023 में सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने 22 वर्षो तक अपनी सेवा दी. सेवानिवृत होने के बाद ब्रह्मपुर स्थित अपने खेत में खेती के कार्य करते हैं. साथ ही अन्य किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित करते हैं. उन्हें खेती के गुर सिखाते हैं. साथ ही सामाजिक कार्यो में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं.युवाओं को प्रेरणा देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है