दुर्भाग्यपूर्ण. 64वीं सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल प्रतियोगिता में खेल भावना और नारी गरिमा पर सवाल चतरा. राज्य सरकार खेल को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रही है, ताकि खिलाड़ियों की प्रतिभा को राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके, लेकिन चतरा जिले में आयोजित 64वीं सुब्रतो मुखर्जी फुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान बालिका खिलाड़ियों को जिस स्थिति का सामना करना पड़ा, उसने खेल भावना और नारी गरिमा दोनों पर सवाल खड़े कर दिये हैं. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, चतरा में 5 से 7 जून तक जिला स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन स्कूली एवं साक्षरता विभाग द्वारा किया गया. इसमें जिले के सभी प्रखंडों की बालक और बालिका टीमें शामिल हुईं. प्रतियोगिता के दौरान अव्यवस्था और लापरवाही की कई घटनाएं सामने आयी. सबसे शर्मनाक स्थिति तब उत्पन्न हुई जब 7 जून को अंडर-17 बालिका वर्ग की प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों को बंद चेंजिंग रूम के कारण खुले में कपड़े बदलने पड़े. खिलाड़ियों ने दुपट्टे से पर्दा लगाकर जैसे-तैसे कपड़े बदले, जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. पत्थलगड्डा प्रखंड की बालिका खिलाड़ियों ने इस घटना का विरोध करते हुए कहा कि वे खेल में भाग लेने के लिए जिला मुख्यालय आयीं, लेकिन उन्हें बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिलीं. खिलाड़ियों ने इसे न केवल खेल भावना का अपमान बताया, बल्कि नारी गरिमा के खिलाफ भी बताया. घटना की जानकारी मिलते ही जिला खेलकूद पदाधिकारी से संपर्क कर चेंजिंग रूम खुलवाया गया. इसके बाद बालिका खिलाड़ियों ने रूम में ही कपड़े बदले. जिला शिक्षा अधीक्षक रामजी कुमार चेंजिंग रूम खोलने का आदेश पहले ही दिया गया था, लेकिन बालिकाओं ने बाहर कपड़े क्यों बदले, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. जिला खेलकूद पदाधिकारी तुषार राय
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