चाडरम गांव में प्रभात आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन 25 सीएच 2- कार्यक्रम में शामिल लोग 3- तापेश्वर यादव 4- भीम यादव 5- पवन कुमार यादव 6- देवचरण यादव 7- जर्जर सड़कप्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन सिमरिया. प्रखंड के जांगी पंचायत के चाडरम गांव में रविवार को प्रभात आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें ग्रामीणों ने खुलकर क्षेत्र की समस्या को रखा. गांव के लोग आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित है. सड़क, पेयजल व सिंचाई की समस्या है. गांव की आबादी लगभग दो हजार है. यहां यादव व अनुसूचित जनजाति गंझू के लोग निवास करते है. गांव में नल जल योजना के तहत 12 जलमीनार लगी, लेकिन एक भी चालू हालत में नहीं है. संवेदक द्वारा जैसे तैसे कार्य कर छोड़ दिया गया है. जिसके कारण यहां के लोगों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है. चापानल व कुआं से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं. गांव की सड़क जर्जर है. श्मशान घाट में शेड नहीं रहने से बरसात व गर्मी के दिनों में अंतिम संस्कार करने में दिक्कत होती है. सिंचाई का साधन नहीं रहने के कारण किसान खेतीबारी नहीं कर पाते है. गांव में नाली की सुविधा नहीं है, जिसके कारण बरसात का पानी घरो में घुस जाता है. मोबाईल नेटवर्क की सुविधा नहीं रहने के कारण बच्चो को ऑनलाईन पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती है. नहर क्षतिग्रस्त होने से खेती नहीं कर पाते हैं : तापेश्वर यादव तापेश्वर यादव ने कहा कि चाडरम डैम से निकला नहर कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. सिंचाई करने में दिक्कत होती है. बरसात के पानी पर ही आश्रित है. अगर नहर की मरम्मति हो जाती तो सिंचाई करने में सुविधा होती. गांव में नाली नहीं है : भीम यादव भीम यादव ने कहा कि गांव में नाली की सुविधा नहीं है. जिसके कारण गंदा पानी हमेशा सड़क पर बहता रहता है. सबसे अधिक परेशानी बरसात में होती है. बरसात के पानी घरों में घुस जाता है. काफी नुकसान उठाना पड़ता है. नाली होती तो पानी निकल जाता. छह माह से खराब पड़ा है चापानल : पवन यादव पवन यादव ने कहा कि गांव में छह माह से चापानल खराब पड़ा है. दूसरे जगह से पानी ला कर प्यास बुझा रहे हैं. चापानल खराब होने की सूचना पीएचईडी को कई बार दी गयी, लेकिन अब तक विभाग द्वारा चापानल की मरम्मत नहीं करायी गयी है. जलमीनार सिर्फ दिखावा : देवचरण यादव देवचरण यादव ने कहा कि गर्मी शुरू होते ही पेयजल समस्या उत्पन्न हो जाती है. जलमीनार लगी है, लेकिन आज तक एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हुआ है. जल नल योजना सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है. कुआं से पानी लाकर प्यास बुझाना पड़ रहा है.
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