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Deoghar news : वायु सेना के कमांड ऑफिसर पंचतत्व में हुए विलीन, जवानों ने दी अंतिम सलामी इसके पहले साथी जवानों ने सती घाट महाशमशान में 33 राउंड फायर कर विदाई दी

देवघर के सारवां निवासी संजीव कुमार का निधन बेंगलुरु के वायु सेवा कमांड अस्पताल में चल रहा था, जहां बीमारी के बाद इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. पदाधिकारी व जवानों ने उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव पहुंचाया.

प्रतिनिधि, सारवां . वायु सेना के बेंगलुरु छावनी में वारंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत सारवां के कुशमाहा गांव निवासी संजीव कुमार (53 वर्ष) की मौत मंगलवार देर रात वायु सेना के कमांड अस्पताल बेंगलुरु में हो गयी, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार को अहले सुबह वायु सेना के जवानों ने उनके पैतृक घर कुशमाहा पहुंचाया. पार्थिव शरीर के पहुंचते ही गांव में मातम छा गया. उनकी एक झलक पाने को लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. मृतक के परिजनों की मानें तो वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज बेंगलुरु के वायु सेवा कमांड अस्पताल में चल रहा था. मौत के बाद वायु सेना ने उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव पहुंचाया, जहां वायु सेना के पदाधिकारी ने उनके बड़े भाई को तिरंगा और कैप प्रदान किया. मौके पर जानकारी देते हुए बताया कि बेंगलुरु में एयर वाइस मार्शल जीएस चौहान के साथ अन्य पदाधिकारियों ने उनकी पत्नी स्नेहा पत्रलेख को तिरंगा प्रदान कर सांत्वना देते हुए सम्मानपूर्वक विदाई दी. वहीं और कागजी प्रक्रिया के बाद 30 जुलाई को पार्थिव शरीर को परिजनों को सौंपा. पदाधिकारी के नेतृत्व में जवानों ने उनके अर्थी को कंधा देकर थाना क्षेत्र के अजय नदी सतीघाट पहुंचाया, जहां वायु सेना के जवानों ने 33 राउंड फायरिंग कर उन्हें अंतिम सलामी दी. मौके पर उनके बड़े पुत्र शुभम कौशिक ने मुखाग्नि दी. वहीं पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी मौके पर पहुंचे और अंतिम संस्कार में भाग लिया. पूर्व मंत्री ने शोकाकुल परिजनों से मिलकर भी ढांढस बंधाया. परिजनों के अनुसार मृतक अपने पीछे वृद्ध माता-पिता, विधवा पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गये. मौके पर थाना प्रभारी कौशल कुमार सिंह सहित वायु सेना के दर्जनों पदाधिकारी ग्रामीण जनप्रतिनिधि व परिजन मौके पर उपस्थित थे. जानकारी देते बताया उन्होंने सेवाकाल के दौरान लड़ाकू विमान तेजस और किरण में टेक्निकल सेवा देने का कार्य किया था. कार्यकाल के दौरान उन्हें कमांडिंग इन चीफ और चीफ ऑफ एयर स्टाफ आदि पदाधिकारियों ने उन्हें सम्मानित भी किया था. संजीव सेवानिवृत्त शिक्षक रूपनारायण पत्रलेख के छोटे पुत्र थे.

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