27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर बाबा बैद्यनाथ का भव्य महाशृंगार, वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजा देवघर

Akshaya Tritiya 2025: बाबा नगरी देवघर में अक्षय तृतीया के अवसर पर बाबा बैद्यनाथ का भव्य महाशृंगार किया गया. साल में एक बार होनेवाला यह विशेष शृंगार मंदिर के महंत सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा द्वारा विधिवत कराया गया. इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रही, लेकिन महाशृंगार के कारण गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश कुछ समय के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया.

Akshaya Tritiya 2025: देवघर, संजीव मिश्रा-अक्षय तृतीया के अवसर पर देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भव्य महाशृंगार किया गया. परंपरा के अनुसार साल में एक बार होनेवाला यह विशेष शृंगार मंदिर के महंत सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा द्वारा विधिवत रूप से संपन्न कराया गया. इस दौरान मंदिर में श्रद्धालु भक्तों की भारी भीड़ रही, लेकिन शृंगार के चलते गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश कुछ समय के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया. शृंगार की शुरुआत शाम करीब सवा सात बजे से हुई. मंदिर इस्टेट के पुरोहित श्रीनाथ पंडित द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा का जलाभिषेक कराया गया.

महाशृंगार के बाद बाबा की महाआरती


सबसे पहले बाबा को फूलेल, फिर सामान्य जल और गुलाबजल से स्नान कराया गया. इसके बाद इत्र, चंदन, केसर अर्पित कर बाबा पर घामचंदन चढ़ाया गया. अंत में रंग-बिरंगे फूलों से बाबा को ढंक दिया गया, जिससे पूरा गर्भगृह सुगंधित और आभामय हो उठा. महाशृंगार की प्रक्रिया में बाबा को छप्पन प्रकार के मिष्ठान्न और विविध प्रकार के भोग अर्पित किए गए. करीब डेढ़ घंटे तक चली इस पूजा के प्रथम चरण के अंत में बाबा की महाआरती की गई. इसके बाद मंझला खंड में सांसारिक वस्तुओं की सज्जा कर उसे विधिवत पूजा के बाद दान स्वरूप समर्पित किया गया. इस दौरान बाबा एवं माता पार्वती के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर वस्तुएं सजाई गई थीं, जिनमें पलंग, तोषक, तकिया, छाता, वस्त्र, श्रृंगार सामग्री आदि शामिल थीं. पूजा संपन्न होने के बाद ये सभी सामग्री पुरोहितों को दान स्वरूप प्रदान की गई.

दोबारा शुरू हुई महाशृंगार की परंपरा


महाशृंगार की यह परंपरा 1970 में मंदिर गद्दी खाली होने के बाद बंद हो गई थी. लंबे समय तक विराम के बाद कोर्ट के आदेशानुसार सात दिसंबर 2016 को दिवंगत सरदार पंडा अजीतानंद ओझा को गद्दी सौंपे जाने के साथ ही महाशृंगार की परंपरा फिर से आरंभ हुई. वर्तमान महंत श्री गुलाब नंद ओझा इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. इस भव्य आयोजन में मंदिर उपचारक भक्तिनाथ फलहारी, बाबा झा, आदित्य फलहारी, रमेश मिश्रा, पारस झा, शशि मिश्र समेत कई लेागों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

ये भी पढे़ं: झारखंड हाईकोर्ट में JVM का BJP में विलय की मंजूरी को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई, बाबूलाल मरांडी बने प्रतिवादी

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel