मधुपुर. प्रखंड कार्यालय सभागार में शुक्रवार को ग्राम प्रधान सह मूल रैयत संघ की बैठक सीओ यामुन रविदास की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. बैठक में संताल सिविल रूल्स व संताल परगना जस्टिस रेगुलेशन 1893 के प्रावधान को प्रचलन में लाने को लेकर प्रस्ताव तैयार करने लिए विचार विमर्श किया गया. वहीं, संताल परगना प्रमंडल के अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल ने कहा कि अंचल क्षेत्र में प्रगणत, नायकी, पौराणिक, गुडेत, जोगमांझी, मांझी हडाम ये सभी आदिवासी मौजा में सामाजिक रीति-रिवाज के काम कर रहे हैं, लेकिन इन्हें प्रशासनिक अधिकार पूर्व की तरह नहीं मिला है. गैर आदिवासी मौजा में पौराणिक व गुडेत कार्य करते थे. जो अभी नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी का दायित्व होता था कि जब सामाजिक स्तर पर कोई भी बैठक सुलह- समझौता या फैसला किया जाता था, ये लोग उसमें अपना सहयोग देकर सभी ग्रामीणों को एकत्रित करने का काम करते थे. इस दिशा में अब सरकार पहल कर पुरानी व्यवस्था को पुन: लागू करने पर विचार कर रही है. इसको लेकर आज की बैठक आयोजित की गयी थी. प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष श्यामकांत झा ने कहा कि सरकार द्वारा पूर्व की भांति इस नियम को लागू करना सराहनीय है. कहा कि इस नियम को लागू होने से लोगों को काफी लाभ मिलेगा. मौके पर छवी मंडल, छवी लाल यादव, प्रखंड अध्यक्ष विष्णु प्रसाद राय, सचिव रजबूल अंसारी, ग्यास खान, सोनू पाठक समेत दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद थे.
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