संवाददाता, देवघर : जुलाई माह के दूसरे सप्ताह से शुरू हो रहे राजकीय श्रावणी मेले से पहले देवघर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. मेले में एक महीने तक स्पर्श पूजा बंद रहने को लेकर भोलेनाथ के दर्शन और स्पर्श पूजा करने वालों की भारी भीड़ रोजाना जुट रही है. दूसरी ओर सत्संग आश्रम में आयोजित श्रीश्री आचार्य देव का दो दिवसीय जन्मोत्सव और गर्मी की छुट्टियां भी हैं, जिससे लेकर भी मंदिर में पूजा करने अन्य राज्यों से लोग पहुंच रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में बाबा मंदिर में जलार्पण और स्पर्श पूजा करने वालों की तादाद लगातार बढ़ी है. हालत यह है कि मंदिर अपने निर्धारित समय पर बंद नहीं हो पा रहा है. कभी एक, तो कभी दो से चार घंटे तक देरी से पट बंद हो रहे हैं.
रविवार को बाबा मंदिर में सुबह से रात पौने आठ बजे तक लगातार जलार्पण होता रहा. इस दौरान एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जल चढ़ाया, जिसमें 5596 भक्तों ने कूपन लेकर जलार्पण किया. भीड़ के कारण आम कतार में लगे भक्तों को पूजा करने में चार से पांच घंटे का समय लग रहा था. इससे पहले सुबह चार बजे बाबा मंदिर का पट खोला गया. आम कतार ओवरब्रिज होते हुए क्यू कॉम्प्लेक्स के सभी हॉल पार कर मानसरोवर तट तक पहुंच गयी थी. कूपनधारियों की कतार भी इसी तरह लंबी रही. इधर, श्रद्धालुओं के वाहनों को सड़कों पर ही पार्क करना पड़ रहा है, जिससे बाबा मंदिर के आसपास घंटों लंबा जाम लग रहा है.प्रशासनिक भवन में सुबह से ही भीड़, इंट्री गेट किया गया बंद
सुबह आठ बजे काउंटर खुलते ही प्रशासनिक भवन ठसाठस भर गया. भीड़ नियंत्रण के लिए भीतरखंड दुर्गा मंदिर मंडप के मुख्य गेट से आम भक्तों की इंट्री बंद कर दी गयी. हालांकि सुविधा केंद्र होल्डिंग प्वाइंट से कतारबद्ध तरीके से श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिलाया गया.भीड़ के बावजूद बेहतर रही स्पर्श पूजा की व्यवस्था
मंझला खंड से लेकर मंदिर परिसर तक भारी भीड़ के कारण पुलिस और दंडाधिकारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन पुलिस बल ने संयम का परिचय देते हुए पूरे समय काठ गेट का प्रयोग नहीं किया और श्रद्धालु को शांति और सुलभता से स्पर्श पूजा का अवसर दिया. इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी कराये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है