प्रतिनिधि, जसीडीह. जसीडीह के डाबरग्राम स्थित गायत्री शक्तिपीठ में गुरुवार को गुरु पूर्णिमा मनाया गया. इस अवसर पर गायत्री परिवार की ओर से पांच कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया. यज्ञ में विश्व कल्याण व मानव स्वास्थ्य जीवन के लिए महामंत्र, मृत्युंजय महामंत्र, महाकाल गायत्री मंत्र, महाशक्ति गायत्री मंत्र से आहुति दी गयी, साथ ही काफी संख्या में जन्मदिन, यज्ञोपवीत, पुंसवन व गुरु दीक्षा हुआ. मौके पर गुरु पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला. इस दौरान मौजूद गायत्री परिवार के साधकों ने परमपूज्य गुरुदेव के युग निर्माण सत्संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया. जिला उप-समन्वयक उमाकांत राय ने कहा कि आज ही के दिन वेदव्यास का अवतरण हुआ था. यह पूर्णिमा व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. भारतीय अध्यात्म में गुरु को साक्षात परब्रह्म का स्थान प्राप्त है. महर्षि वेदव्यास के ही वंशज परमपूज्य गुरुदेव युगद्रष्टा पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी अवतरित हुए. बताया कि गुरु पूर्णिमा त्याग, समर्पण और गुरु शिष्य के पवित्र बंधन का महापर्व है. इस मौके पर बंपास टाउन स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर में पंडित केदारनाथ शास्त्री के नेतृत्व में पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्य प्रबंध ट्रस्टी देवनारायण रजक, सहायक प्रबंध ट्रस्टी जितेन्द्र कुमार, महेंद्र प्रसाद यादव, हासो राम, पिंकी देवी, कांति देवी, रत्ना सिन्हा, ब्रह्मचारी ज्ञान प्रकाश, रामप्रकाश यादव, कुसुम सिंह, निशा देवी, सविता रानी, निशा कुमारी आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है