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हेल्थ काउंसलिंग : बचपन को बचाइये, दो साल तक स्क्रीन से दूर रखिये : डॉ रोहन मुकुल

डॉ रोहन मुकुल ने कहा कि जीरो से दो साल के बच्चे का स्क्रीन टाइम जीरो होना चाहिए और यह आदत माता-पिता को डालना चाहिए. दो साल बाद भी बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना सेहत के लिए अच्छा ही होता है.

संवाददाता, देवघर : बदलते मौसम के कारण सबसे अधिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नवजात बच्चों को होती है. इसे में बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल करना उनके परिजनों की जिम्मेवारी होती है, ताकि बच्चों मौसम का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े. उक्त बातें प्रभात खबर की ओर से आयोजित हेल्थ काउंसलिंग: टॉक टू डॉक्टर कार्यक्रम में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ रोहन मुकुल ने कही. उन्होंने नवजात बच्चों की देखभाल को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिये. उन्होंने कहा कि जन्म से छह माह तक मां का दूध ही बच्चे के लिए सर्वोत्तम है. छह माह के बाद आहर दें, साथ ही 10 माह के बाद ही बच्चे को नमक का स्वाद दें. उन्होंने कहा कि मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. इसका असर नवजात बच्चों के स्वास्थ्य पर अधिक पड़ सकता है, इसलिए माताओं को अपने बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल तक कई प्रकार की जीवन रक्षक वैक्सीन दी जाती है. सभी वैक्सीन सरकारी अस्पताल में उपलब्ध हैं. परिजन बच्चों को वैक्सीन जरूर दिलायें. उन्होंने कहा कि जीरो से दो साल के बच्चे का स्क्रीन टाइम जीरो होना चाहिए और यह आदत माता-पिता को डालना चाहिए. दो साल बाद भी बच्चों को स्क्रीन से दूर रखना सेहत के लिए अच्छा ही होता है. छोटे बच्चों को खाना खिलाने में मां मेहनत करें, ताकि बच्चे खाना खायें और वैसे ही भोजन करायें जिसे बच्चे चाव से खायें. भोजन पचने वाला हो तथा तेल-मसाला कम हो. हेल्थ काउंसेलिंग के दौरान उन्होंने दर्जनों पाठकों को चिकित्सकीय परामर्श दिये.

लोगों के सवाल व डॉक्टर के परामर्श

सवाल : मेरा बेटा नौ साल का है, उसे काफी विकनेस रहता हैं, थोड़ा सा भी खेलता है तो थक जाता हैं. स्कूल में चक्कर आने से गिर भी गया था.

लक्ष्मी तिवारी, करनीबाग

जवाब: खून की कमी लग रही है, इसलिए किसी चिकित्सक से संपर्क कर खून व पेशाब की जांच करायें और संक्रमण की भी जांच करायें. इसके बाद दवा चलेगी, तो ठीक हो जायेगा.

सवाल : मेरा आठ साल का बच्चा हैं, उसके पेशाब में 15-20 से पूरा जलन हो रहा है, दवा चल रही है लेकिन ठीक नहीं हुआ है.

टुनटुन सिंह, सारठ

जवाब: पेशाब के रास्ते में संक्रमण हो सकता हैं. चिकित्सक से संपर्क कर बच्चे के खून और पेशाब की जांच करायें और चिकित्सक से इलाज करायें ठीक हो जायेगा.

सवाल : मेरा भतीजा खाना नहीं खाता हैं, ग्रोथ भी नहीं हो रहा है, खुद से खाना भी नहीं खाता है.

मोहित कुमार, जसीडीह

जवाब: बच्चे को खाना खाने में परिजन सहयोग करें. बच्चों को खाना खाते समय मोबाइल नहीं दिखायें. इसके बाद भी बच्चे नहीं खा रहे हैं या और कोई परेशानी हो तो चिकित्सक से संपर्क करें.

सवाल: मेरे बेटे को उल्टी हो रही हैं, बुखार भी है, गैस भी बन रहा है. क्या करें

अल्पना तिवारी, करनीबाग

जवाब: बेटे को गैस और उल्टी की दवा दें, ओआरएस का घोल भी दें और चिकित्सक से संपर्क कर इलाज करायें.

सवाल : मेरा सात साल का बेटा हैं, अभी भी सिर्फ दूध ही पीता हैं और कुछ नहीं खाता है.

मुकेश राउत, मलहरा, मोहनपुर

जवाब: आयरन की कमी हो जायेगी. बच्चे को खाना खिलाने में मां को मेहनत करनी चाहिए. बच्चे को ऐसा भोजन करायें जो उसे पसंद आये.

सवाल: मेरा 10 साल का लड़का है. शरीर में खुजली हो रहा है, शरीर को नोचता है.

मोहन कुमार, चौपा मोड़

जवाब: कैलामाइन का लोशन लगायें. इसके बाद भी शरीर में नोचता है तो किसी चर्म रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.

सवाल: मेरा बच्चा तीन साल का है. हर 10 से 15 दिनों में सर्दी- खांसी हो जाता है.संतोष कुमार यादव, मोहनपुर

जवाब: मौसम में बदलाव के कारण ऐसा हो रहा है. वायरल है, कफ सीरप पिलायें ठीक हो जायेगा. तीन दिन बाद भी ठीक नहीं हो तो चिकित्सक से मिलकर इलाज करायें.

सवाल: मेरा बेटा तीन साल का है, कुछ दिन से उसके पेट में कभी- कभी दर्द रहता है.

प्रमोद कुमार, जसीडीह जवाब: मैदा से बनी चीज और बाहर का कोई सामान नहीं खिलायें. फायबर युक्त भोजन करायें. साथ ही ऐसा खाना खिलायें जो तुरंत पच जाये. इसके अलावा कृमि की दवा दें. इसके बाद भी दर्द रहे तो चिकित्सक से संपर्क कर इलाज करायें.

सवाल: मेरा तीन साल का बेटा है, लगातार दो दिन से सर्दी- खांसी है. हालांकि अबतक कोई दवा नहीं दिये हैं.

संदीप कुमार शर्मा, जसीडीह

जवाब: मौसम में बदलाव के कारण हुआ हैं, एक कफ सीरप दें, ठीक हो जायेगा. एक दो दिन ओर देख लें, इसके बाद चिकित्सक से संपर्क करें.

हाइलाइट्स

हेल्थ काउंसलिंग : टॉक टू डॉक्टर कार्यक्रम में चाइल्ड स्पेशलिस्ट ने दिये परामर्श

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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