सिमुलतल्ला के पहाड़ से लाए विल्वपत्र को बाबा बैद्यनाथ पर अर्पित किया
संवाददाता, देवघरनिरंजनी अखाड़ा, हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने शनिवार को बाबा बैद्यनाथ धाम में विशेष रूप से लाये गये विल्वपत्र अर्पित कर पवित्र परंपरा को सशक्त किया. मंदिर प्रशासनिक भवन में 11 वैदिक पंडितों की उपस्थिति में उन्होंने विधिपूर्वक गौरी-गणेश पूजन एवं संकल्प के साथ बाबा को रुद्राभिषेक कर विल्वपत्र अर्पित किये.
स्वामी कैलाशानंद ने शुक्रवार को मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त की देखरेख में पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मलधारी झा, पुरोहित सुशील पलिवार, धीरज व अन्य पुरोहितों के साथ सिमुलतल्ला के पिलुवा पहाड़ पर जाकर विल्वपत्र तोड़े थे. उन्होंने बताया कि तोड़ने के क्रम में सांप व बिच्छू जैसे जीव भी दिखे, किंतु यह सभी के लिए सौभाग्य का विषय है कि वे इस पवित्र कार्य में सहभागी बने.स्वामी कैलाशानंद ने कहा, “मैंने पंडा समाज की विल्वपत्र तोड़ने की परंपरा को बल देने का प्रयास किया है. अब इस परंपरा को दुनिया भर में फैले मेरे 15 करोड़ अनुयायियों तक पहुंचाने का संकल्प है. जब वे इसकी महत्ता जानेंगे, तो देवघर आकर इस पुण्य कार्य से जुड़ेंगे और पंडा समाज के साथ मिलकर महादेव को प्रिय इस पत्र का दर्शन व अर्पण करेंगे.”
उन्होंने कहा कि शास्त्रों में वर्णित है – एक श्रद्धा से अर्पित विल्वपत्र भी महादेव को अतिप्रिय होता है, जो तीन जन्मों के पाप का नाश कर सकता है. पूजन के समय मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त, पंडित लंबोदर परिहस्त सहित 11 पुरोहितों की टीम उपस्थित रही.पंडा धर्मरक्षिणी रजिस्टर में लिख कर जताया आभार
स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने पंडा धर्मरक्षिणी सभा के रजिस्टर में सेवा व सहयोग हेतु संदेश लिखते हुए आभार जताया. उन्होंने सभा के महामंत्री निर्मलधारी झा के प्रति आभार प्रकट किया. इस अवसर पर सभा के उपाध्यक्ष संजय मिश्र, हरिकिशोर सिंह, केके लाल, आकाश सहित उनके अनेक शिष्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है