विधि संवाददाता, देवघर : चर्चित किशन सिंह हत्याकांड में दो साल के बाद फैसला आया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार की अदालत में मामले का स्पीडी ट्रायल हुआ, जिसमें गौरव झा उर्फ बाबू तथा रोशन मिश्रा उर्फ निहाल को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही दोनों सजायाफ्ता को डेढ़- डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माने की राशि मृतक के आश्रितों को देय होगी. यह राशि अदा नहीं करने पर अलग से दो साल की सश्रम कैद की सजा काटनी होगी. दोषी गौरव झा लक्ष्मीचरण द्वारी लेन देवघर का तथा निहाल चक्रवर्ती लेन देवघर का रहने वाला है. इन दोनाें को हत्या की धारा 302 में सश्रम उम्रकैद तथा साक्ष्य छुपाने की धारा 201 में दोषी पाकर तीन साल की सश्रम कैद की सजा सुनायी गयी. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने 12 लोगों की गवाही घटना के समर्थन में अदालत के समक्ष दिलायी और सजा दिलाने में कामयाब रहे. बचाव पक्ष से अधिवक्ता अमर कुमार सिंह व इशहाक अंसारी ने पक्ष रखा, लेकिन दोषमुक्त कराने में विफल रहे. यह मुकदमा मृतक किशन सिंह उर्फ सतीश सिंह के पिता प्रदीप सिंह ने 19 जून 2023 की रात की घटना को लेकर कुंडा थाना में अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध दर्ज कराया था. अभियोजन एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के पश्चात उपरोक्त फैसला सुनाया गया. क्या था मामला रिखिया थाना क्षेत्र के रामपुर मुहल्ले के रहने वाले प्रदीप सिंह की शिकायत पर यह मुकदमा कुंडा थाना में दर्ज हुआ था. इसमें उल्लेख है कि उसका पुत्र घर से निकला था, जो वापस लौटकर नहीं आया. पेट्रोल पंप में एक व्यक्ति के साथ बाइक में पेट्रोल भराने की बात कही थी, उसके बाद मोबाइल से बंद पाया गया. दूसरे दिन दयाल गार्डेन के पास एक युवक का शव पुलिस ने बरामद किया था, जिसका माथा पत्थर से कूचल दिया गया था. शव ही पहचान सूचक के पुत्र के तौर पर की गयी. पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपरोक्त दोनों युवकों के नामों का खुलासा हुआ था. पीडीजे ने दोनों युवकों को दोषी करार दिया और सजा सुनायी. हाइलाइट्स – पीडीजे अशोक कुमार की अदालत से आया फैसला – मृतक के परिजन को दो साल के बाद मिला न्याय -पत्थर से कूचकर की गयी थी किशन सिंह की हत्या -सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अभियुक्तों की हुई थी पहचान
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