देवघर. सिविल कोर्ट स्थित सभागार में गुरुवार को न्यायिक पदाधिकारियों की बैठक प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई. इसमें मध्यस्थता के माध्यम से मुकदमों के निष्पादन पर जोर दिया गया. पीडीजे ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता, एमसीपीसी, झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर विशेष अभियान चलाया गया है. उन्होंने कहा कि वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा मामले, समझौता योग्य आपराधिक मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, बंटवारा, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और मध्यस्थता योग्य दीवानी मामलों को चिह्नित करें तथा मीडियेशन के माध्यम से सुलह के लिए मध्यस्थों के पास भेजें. उन्होंने कहा कि एक से 31 जुलाई 2025 तक न्यायालय कॉज लिस्ट से विशेष मध्यस्थता अभियान के लिए योग्य मामलों की पहचान करें एवं सूची बनाकर मध्यस्थता के लिए भेजें. इस अभियान में पक्षकारों की सुविधा के लिए सप्ताह के सातों दिन मध्यस्थता के माध्यम से निष्पादन के प्रयास किए जाएंगे, जो पूरी तरह से ऑफलाइन या ऑनलाइन में आयोजित की जा सकती है. इस अवसर पर फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज संजय कुमार सिंह, एडिशनल जज फैमिली कोर्ट भानु प्रताप सिंह, एडीजे प्रथम राजीव रंजन, एडीजे दो अशोक कुमार, एडीजे तीन राजेंद्र कुमार सिन्हा, एडीजे चार एसबी ओझा, एडीजे पांच अनिल कुमार, एडीजे नवम एमसी नारायण, सीजेएम दिव्या मिश्रा, एसीजेएम आनंद सिंह, एसडीजेएम संध्या प्रसाद, न्यायिक दंडाधिकारी प्रतीक रंजन, बंकिम चंद्र चटर्जी, संगीता, स्वाति विजय उपाध्याय, डालसा सचिव एसएन बारा, मधुपुर अनुमंडल सिविल कोर्ट के न्यायिक पदाधिकारी आदि मौजूद थे.
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