मधुपुर. शहर के बड़बाद स्थित एक होटल के सभागार में रविवार को मधुपुर प्रखंड क्षेत्र के हिहडी, पिछड़ी, खैरवाड़, वंश आदिवासी जुमित की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता मनोज हेंब्रम ने की. इस अवसर पर हेंब्रम ने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोगों की बैठक की जा रही है. इसके माध्यम से हम सभी राज्य सरकार द्वारा संताल परगना में जो दो कानून संताल परगना जस्टिस 1893 व संताल संताल सिविल एक्ट 1946 की जो समीक्षा की जा रही है. इसको लेकर बैठक में चर्चा की गयी. उन्होंने कहा कि संताल परगना 22 दिसंबर 1855 को अंग्रेजों से लड़ाई कर मिली थी. कहा कि संतालों को मजबूत बनाये जाने के उद्देश्य से इन दो एक्ट को लागू करने के साथ अन्य कई कानून बनाया गया था. ताकि आदिवासियों का कल्याण हो सके. बैठक के माध्यम से हम अपनी बातों का राज्य सरकार तक पहुंचाया जायेगा. कहा कि इस एक्ट के तहत जिले में जितने भी डाकबंगला है वहां प्रगणको की नियुक्ति होनी चाहिए था. आदिवासी गांव में जितने भी हिहडी, पिछड़ी, खैरवाड़, वंश आदिवासी जुमित के सदस्यों को सम्मान राशि देना चाहिए. सरकार आदिवासियों के लिए बनाये गये सभी कानून को सख्ती लागू करें. मौके पर मुखिया मोहन किस्कू, कृष्णा हेंब्रम, बबलू सोरेन, दीपक किस्कू, बोलिन हेंब्रम, अनिल मरांडी, बाबूसन बास्की, हेमलाल हांसदा, जनता भुरकुंडा, लाइसेंसी हेंब्रम आदि मौजूद थे.
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