संवाददाता, देवघर : नगर निगम क्षेत्र के सभी 85 पंप चालक मंगलवार से हड़ताल पर चले गये, जिससे पूरे शहर में जलापूर्ति पूरी तरह से ठप हो गयी. जसीडीह के बसुवाडीह पंप केंद्र पर एकत्र होकर पंप चालकों ने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी समस्याओं को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. चालकों का आरोप है कि ठेकेदारी प्रथा लागू होने के बाद से लगातार उनका शोषण और दोहन किया जा रहा है. नगर निगम अधिकारियों की समझाने की कोशिश भी विफल रही, क्योंकि पंप चालक अब सिर्फ आश्वासन नहीं, समाधान चाहते हैं. पंप कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण नगर निगम क्षेत्र में पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गयी तथा निगम के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इसकी जानकारी मिलने के बाद नगर निगम के सहायक अभियंता पारस कुमार और जेइ सुमन कुमार पंप चालकों से मिलकर हड़ताल पर नहीं जाने को कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त रांची गये हुए है, लौटने पर समस्या का समाधान किया जायेगा. इसके बावजूद पंप चालकों ने उनकी बात नहीं मनी. उन्होंने कहा कि हर बार सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है. पंप चालकों ने बताया कि हम सभी पंप चालक वर्षों से नगर निगम में काम लगातार कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम ने 2020 से पानी विभाग को ठेकेदार को दे दिया तथा स्वाति कंपनी पेयजल सप्लाई को देख रही है. कर्मियों ने आरोप लगाया कि कंपनी उनका शोषण व दोहन कर रही है. मौके पर सुनील पंडित, मिटू सिंह, राजकुमार मंडल, नितेश पंडित, राम मंडल, मोहन पंडित, मोहन पंडित, कमलेश पंडित, विकाश सिंह, प्रदीप मिश्रा आदि थे. क्या हैं मुख्य मांगें पंप चालकों का इपीएफ 2020 से जमा नहीं किया गया है, इसे जमा किया जाये, समय पर वेतन दिया जाये, सरकार के द्वारा तय वास्तविक मजदूरी दी जाये. साथ ही सभी पंप घर जर्जर अवस्था में पड़े हैं तथा भगवान भरोसे देवघर को पानी आपूर्ति की जा रही है. इससे कभी भी बड़ी अनहोनी पंप चालकों के साथ हो सकती है. ऐसे में पंप घर को दुरुस्त किया जाये समेत अन्य मांगें शामिल हैं.
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