संवाददाता, देवघर : सत्संग आश्रम के द्वारा भारतीय कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से किसानों के बीच सूखा सहिष्णु धान की किस्म के बीज का वितरण किया गया. यह पहल उन किसानों के लिए संजीवनी साबित हो रही है, जिनके पास कृषि योग्य भूमि तो है, लेकिन सिंचाई के अभाव में वे हर साल नुकसान झेलते रहे हैं. बताया गया कि धान की यह किस्म कम अवधि यानी सौ दिन में पकती है और यह बौनी होती है. ऊपरी भूमि व वर्षाश्रित इलाकों के लिए यह धान उपयुक्त है. इसका दाना लंबा व मोटा होता है. औसतन यह 3.8 से 4.5 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है. साथ ही यह पत्ता झुलसा रोग के प्रति प्रतिरोधी है और अन्य रोगों जैसे भूरा धब्बा, तना छेदक एवं पत्ता मोड़क के प्रति मध्यम रूप से प्रतिरोधक क्षमता रखती है. इस दौरान राकुडीह के मृत्युंजय राउत, सकलदीप राउत व सहदेव मंडल, बसंतपुर के गौतम राय, बनोगा के मंगल मिश्रा, खेरकुटी के तुलेश्वर यादव, तपोवन के प्रमोद यादव और गोपालपुर के भोला सिंह को बिजल मिले. इस अवसर पर सत्संग आश्रम की ओर से ब्रजसुंदर साहू तथा कृषि विज्ञान केंद्र के डाॅ राजन ओझा उपस्थित थे. आश्रम की ओर से जानकारी दी गयी कि आने वाले समय में किसानों को कृषि में हो रहे लगातार नुकसान से उबारने के लिए और भी कई योजनाएं चलायी जायेंगी. हाइलाइट्स सूखा सहिष्णु धान की किस्म के बीज बांटे गये
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