मधुपुर. शहर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गयी. वहीं, शिवमंगल सिंह सुमन जयंती पर याद किया गया. उपस्थित लोगों ने दोनों विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. मौके पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि झारखंड ने एक कद्दावर व जुझारू नेता को खो दिया. दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन अग्रणी नेताओं में से एक थे. उन्होंने लंबे समय तक झारखंड अलग राज्य के लिए संघर्ष किया. उन्होंने बचपन से ही संघर्ष किया और अन्याय, शोषण व जुल्म करने वाले महाजनों, सामंतों व शोषकों के खिलाफ जुझारू आंदोलन किया. 1973 में कामरेड ए के राय व कामरेड बिनोद बिहारी महतो के सहयोग से झारखंड मुक्ति मोर्चा बनाकर झारखंड अलग राज्य के लिए वर्षों तक जुझारू आंदोलन करते रहे. उन्होंने आदिवासियों को पहचान व अधिकार दिलाने का काम किया. उन्होंने कहा कि शिवमंगल सिंह सुमन हिन्दी साहित्य जगत के एक प्रसिद्ध साहित्यकार थे. वो विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति रहे है. साथ ही भारतीय राजदूत व काठमांडू में राजनयिक रहे है. उन्होंने कई महत्वपूर्ण रचनाएं की है. वो प्रयोगवाद की नयी हवा से दूर अपनी तरह के पुरानी शैली में ही लिखते रहे है. उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण, साहित्य अकादमी, भारत भारती व सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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