पालोजोरी. आदिवासी सेंगल अभियान के सोमलाल बास्की ने जेएमएम पार्टी की ओर से आदिवासियों की वर्षों पुरानी मांग सरना धर्म कोड को लेकर जिला मुख्यालय में किये जा रहे धरना प्रदर्शन को धोखा बताया है. प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सोमलाल ने कहा कि अभी जेएमएम पार्टी कह रही है कि सरना आदिवासी धर्म कोड के बिना जातीय जनगणना नहीं होने देंगे. जबकि जातीय गणना का जेएमएम ने केंद्र में समर्थन दिया है. दूसरी तरफ सरना आदिवासी धर्म कोड के लिए जेएमएम पार्टी का आंदोलन आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करने के लिए एक नौटंकी है. उन्होंने यह भी कहा है कि जेएमएम पार्टी की सरकार ने 11 नंवबर 2020 को झारखंड कैबिनेट में एक विशेष बैठक बुलाकर आदिवासियों की वर्षों पुरानी मांग सरना धर्म कोड पर विचार करते हुए सरना धर्म कोड की जगह सरना आदिवासी धर्म कोड पारित किया और राज्यपाल झारखंड के बिना सहमति अनुशंसा के ही केंद्र को भेज दिया. जो असंवैधनिक है अभी भी सरना धर्म कोड की जगह सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग कर रहे हैं. ये दो नाम जोड़ कर लोगों को और केंद्र सरकार को भी दिग्भ्रमित कर रहे हैं. भारत देश में लगभग 15 करोड़ आदिवासी हैं जो अधिकांश आदिवासी प्रकृति पूजक हैं. इन लोगो ने लंबे समय तक सरना धर्म कोड के लिए आंदोलन किया है. भारत बंद किया लेकिन झारखंड की जेएमएम पार्टी ने कभी नैतिक समर्थन तक नहीं दिया है. यह भी कहा कि आदिवासी क्षेत्र में शराब की बिक्री का निर्णय ले कर जेएमएम ने आदिवासी को बर्बाद करने का ठान लिया है. आदिवासी सेंगल अभियान इसका पुरजोर विरोध करती है और आगे भी करेगी.
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