मधुपुर. प्रखंड क्षेत्र के जमनी, लखीबाजार, चरपा व बगजोड़ा गांव के पुजारियों ने रविवार को अपनी मांगों को लेकर पथलचपटी स्थित प्रदेश के मंत्री हफीजुल हसन के आवास पहुंचे व मंत्री के पुत्र अकदश हसन अंसारी को एक ज्ञापन सौंपा. ब्राह्मण समाज के पुजारियों ने कहा कि उनलोगों को इस वर्ष श्रावणी मेले के दौरान बाबा बासुकीनाथ मंदिर में प्रवेश और पूजा-अर्चना से रोक दिया गया है. कहा गया है कि उनके पूर्वजों से लेकर वर्तमान पीढ़ी तक, सभी पुजारी श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुओं को जल संकल्प दिलाने और पूजा-अर्चना कराते रहे हैं. यही उनका परंपरागत कार्य और आजीविका का मुख्य स्रोत रहा है, लेकिन इस बार प्रशासन की नयी व्यवस्था के तहत केवल उन्हीं पुजारियों को प्रवेश की अनुमति दी जा रही है, जिन्हें प्रशासन द्वारा पास जारी किया गया है. जबकि ब्राह्मण समाज के इन पुजारियों ने समय पर आवेदन देने के बावजूद उन्हें पास मुहैया नहीं कराया गया. जिससे उनका मंदिर में प्रवेश व पूजा-अर्चना करना प्रतिबंधित हो गया. पुजारियों ने कहा कि गरीब ब्राह्मणों की आजीविका पूरी तरह से इसी पूजा कार्य पर निर्भर है. मंदिर में सेवा करने से रोक देना केवल उनलोगों को जीविका पर ही नहीं बल्कि परंपरा पर भी गहरी चोट है. मंत्री प्रतिनिधि के माध्यम से मांग रखा कि प्रशासनिक स्तर पर हो रही इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था को तत्काल सुधारा जाये और उन्हें पूर्व की भांति मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाये. ब्राह्मण समाज ने कहा कि अगर उन्हें शीघ्र न्याय नहीं मिला तो वे वृहद आंदोलन करने को विवश होंगे. मौके पर दर्जनों ब्राह्मण समाज के पुजारी मौजूद थे.
मुख्य मांगें:
सभी वंचित ब्राह्मण पुजारियों को मंदिर में पूजा-अर्चना की अनुमति मिल पूर्व की तरह पारंपरिक अधिकार बहाल किए जाएं. प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित है. यह मामला अब धार्मिक परंपरा, आजीविका और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा बन चुका है जिसकी अनदेखी करना संभव नहीं होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है