विधि संवाददाता, देवघर . एडीजे दो सह स्पेशल जज साइबर क्राइम केस अशोक कुमार की अदालत से साइबर क्राइम केस संख्या 113/2020 के एक आरोपी हुसैन अंसारी को दोषी पाकर तीन साल की सजा सुनायी गयी, साथ ही सजायाफ्ता को एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से छह माह की साधारण कैद की सजा काटनी होगी. इसी मामले में दूसरा नामजद हसन अंसारी को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया.
दोनों आरोपी पालोजोरी थाना के माथाडंगाल गांव का रहने वाला है और तत्कालीन एएसआइ सुरेश कुमार रमानी के शिकायत आवेदन पर पालोजोरी थाना में वर्ष 2018 में मुकदमा दर्ज हुआ था. दर्ज मुकदमा के अनुसार गूगल सर्च साइट पर मोबाइल नंबर डालकर बैंक एकाउंट से रुपयों की ठगी करने का आरोप लगाया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल नौ लोगों ने गवाही दी व दोष सिद्ध करने में सफल रहा. इस केस में अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक एसके मंडल व बचाव पक्ष से अधिवक्ता राशिद अनवर ने पक्ष रखा. इस मामले में छह साल बाद फैसला आया है.॰पालोजोरी के माथाडंगाल निवासी हुसैन अंसारी को हुई सजा॰वहीं माथाडंगाल के ही हसन अंसारी किया गया रिहा
पांच साइबर आरोपियों को कोर्ट से राहत मिली
देवघर. एडीजे दो सह स्पेशल कोर्ट साइबर क्राइम केस अशोक कुमार की अदालत में चल रहे साइबर क्राइम केस सरकार बनाम नसीम अंसारी व अन्य की सुनवाई पूरी की गयी, जिसके बाद इस मामले के पांच आरोपियों नसीम अंसारी, निसार अंसारी, रहमान अंसारी, वसीम अंसारी व मोइन अंसारी को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया गया. सभी आरोपी क्रमश: पालोजोरी थाना के परसनी, बांधडीह व माथाडंगाल के रहने वाले हैं और सारठ थाना में 11 नवंबर 2018 को तत्कालीन एसआइ अनिल कुमार शर्मा के प्रतिवेदन पर मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें साइबर ठगी का आरोप लगाया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से दो लोगों ने गवाही दी, लेकिन किसी ने घटना की पुष्टि नहीं की.अदालत ने सभी आरोपियों को रिहा कर दिया.
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