Dhanbad News: धनबाद नगर निगम के शहरी क्षेत्र के धनबाद, झरिया, सिंदरी, कतरास व छाताटांड़ अंचल में लगभग ढाई साल पहले टेंडर निकाल कर छह करोड़ की लागत से 22,405 पौधे लगाये गये. प्रत्येक अंचल में अशोक के 7518 पौधे लगाये गये. धनबाद शहर के डिवाइडर (रणधीर वर्मा-गोल बिल्डिंग, सिटी सेंटर-किसान चौक) पर लगभग 2000 अशोक के पौधे लगाये गये. पानी की कमी व मवेशी के चर जाने से इनमें से लगभग 400 पौधे सूख गये और कुछ का गैबियन टूट गया. कमोबेश यही स्थिति झरिया, सिंदरी, कतरास व छाताटांड़ अंचल की भी है. नेशनल क्लिन एयर प्रोग्राम के तहत 15वें वित्त आयोग के फंड से पौधरोपण किया गया. छह करोड़ के फंड से सभी नगर निगम क्षेत्र के सभी 55 वार्डों में पौधरोपण किया गया. पौधरोपण व मेंटेनेंस का काम तीन एजेंसी मां अंबे, मां भवानी व हरेंद्र सिंह को मिला है.
तीन वर्षों तक पौधों को करना है मेंटेनेंस :
तीन वर्षों तक पौधों को मेंटेनेंस करना है. लगभग ढाई साल बीत गये, लेकिन मेंटेनेंस की स्थिति ठीक नहीं है. समय पर पौधे को पानी नहीं मिलने के कारण 20 फीसदी से अधिक पौधे सूख गये हैं. गरमी आने पर क्या स्थिति होगी, यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.एजेंसी को हर वर्ष होता है पेमेंट : एजेंसी को हर वर्ष अलग-अलग पेमेंट किया जाता है. पहले वर्ष पौधे लगाने व बैरिकेडिंग के लिए 1172 रुपये प्रति पौधे दिये गये. दूसरे वर्ष 512 रुपये तथा तीसरे वर्ष 452 रुपये प्रति पौधे देना है. इसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है. सभी पौधों की जांच के बाद ही भुगतान किया जाना है.
तीन एजेंसी कर रही काम
वार्ड 20 से 45 तक का टेंडर : हरेंद्र कुमार सिंहवार्ड 46 से 55 तक का टेंडर : मां भगवतीवार्ड 01 से 19 तक का टेंडर : मां अंबे
क्या है शर्त :
तीन वर्षों तक पौधों का मेंटनेंस करना है. पौधे सूख जाते हैं या गैबियन टूट जाता है तो नये पाैधे के साथ नया गैबियन लगाना है.करना था ग्रीन पैच, लगा दिये गये पौधे, हो पैसे की रिकवरी : पूर्व मेयर
पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग के फंड से शहर में जगह-जगह ग्रीन पैच करना था, लेकिन जगह-जगह पौधे लगा दिये गये. गाइडलाइन का सही से पालन नहीं किया. इस तरह से नगर निगम का काम नहीं होना चाहिए. छह करोड़ बड़ी राशि होती है. काम दिखना चाहिए. जहां-जहां पौधे लगा दिये गये. पूरे पैसे सूख गये. पैसे की रिकवरी होनी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है