साजिश के तहत सोनू राय की हत्या धारदार हथियार से गला काट कर करने के मामले में शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय राकेश कुमार की अदालत ने पुटकी निवासी भीम कुमार राउत व भानु कुमार राणा को उम्र कैद और एक एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना की राशि पीड़िता को देय होगी. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर छह अतरिक्त कारावास होगा. अभियोजन का संचालन अपर लोक अभियोजक समित प्रकाश ने किया. 24 मई 2023 को मृतक की मां लक्ष्मी देवी ने पुटकी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसके मुताबिक 23 मई 2023 को शाम छह उसका पुत्र सोनू राय पुटकी बाजार गया था. देर रात वह घर वापस नहीं आया, तो वह कई बार फोन से संपर्क करना चाहा, लेकिन बात नहीं हो सकी. दूसरे दिन पता चला की उसके पुत्र सोनू की हत्या कर दी गयी है. भीम और भानु पूर्व में भी सोनू को जान से मारने की धमकी देते थे. पुलिस ने अनुसंधान के उपरांत दोनों अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था. अदालत ने 19 अक्टूबर 2023 को भीम कुमार राउत व भानु कुमार राणा के खिलाफ आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू किया. केस विचारण के दौरान अभियोजन ने 14 गवाहों की गवाही करायी थी.
घटना के दिन चंदन व डब्लू धनबाद में थे यह साबित नहीं हुआ : बचाव पक्ष
नीरज हत्याकांड
पूर्व डिप्टी मेयर व कांग्रेस नेता नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में चंदन सिंह व डब्लू मिश्रा की ओर से शुक्रवार को चौथे दिन लगातार बहस जारी रही. बचाव पक्ष की ओर से बहस के लिए सुप्रीम कोर्ट से आये अधिवक्ता एमए नियाजी ने अदालत के समक्ष पुन: कई प्रश्न खड़े किये. बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि घटना के दिन या उससे पहले चंदन सिंह, डब्लू मिश्रा धनबाद में थे. इस तथ्य को अभियोजन साबित नहीं कर सका है. ऐसा कोई साक्ष्य अभिलेख पर नहीं है, जो इंगित करे कि यह दोनों धनबाद में थे. ऐसा भी कोई साक्ष्य अभिलेख पर उपलब्ध नहीं है कि हत्या के षड्यंत्र में ये लोग शामिल थे. जहां तक चंदन सिंह पर फायरिंग का आरोप है, वह भी साबित नहीं हुआ कि उसने गोली चलायी, क्योंकि जिस शख्स ने उसे पहचानने का, दावा किया है वह खुद संदेह के घेरे में है. पहचान परेड की कानूनन कोई वैधता नहीं रह गयी है, क्योंकि पहचान कराने से पूर्व सभी की तस्वीर गवाह को दिखा दी गयी थी. राम अह्लाद राय के घर से एफएसएल ने सिगरेट का टुकड़ा और खखार का सैंपल जब्त किया था. इस चीज को साबित करने के लिए दोनों राय के घर में थे अथवा धनबाद में थे, पुलिस ने पकड़े गये शूटरों का डीएनए भी नहीं कराया. वहीं प्राथमिकी दो दिनों के बाद की जाती है, जबकि पुलिस ने अनुसंधान घटना के तुरंत बाद शुरू कर दिया था. खोखा व अन्य वस्तुएं मौके वारदात से जब्त की गयी थी. मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट में अभिषेक सिंह व शिवम सिंह ने हस्ताक्षर भी किया है, फिर भी एफआईआर नहीं की गयी. 23 तारीख को की गयी एफआईआर संदेहास्पद है और कानून की दृष्टि में मानने योग्य नहीं है. क्योंकि लिखित आवेदन देने से पूर्व ही पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया था. कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि सबसे अच्छा व्यक्ति ही जब लिखित रूप से आवेदन देगा, तो एफआईआर दर्ज की जायेगी. घटना के होने के तुरंत बाद ही सराढेला थाना प्रभारी अरविंद कुमार वारदात पर पहुंच गये थे. सनहा दर्ज किया था. पोस्टमार्टम की गयी थी. उसे ही एफआईआर क्यों नहीं माना जाना चाहिए, इस पूरे मामले में षड्यंत्र के बिंदु पर मीटिंग ऑफ माइंड साबित नहीं किया जा सका है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने यह दावा किया की अभियोजन इस मामले में कोई सबूत नहीं ला सका है, केवल पुलिस ने निर्दोष लोगों को फंसाकर जेल भेज दिया. अधिवक्ता ने यह भी दावा किया कि एक विधायक किसी की हत्या करने के बाद राइफल लेकर मोटरसाइकिल पर घूमते नहीं चलेगा कि मैंने उसे मार दिया. संपत्ति विवाद के कारण हत्या की बात भी अभियोजन द्वारा साबित नहीं की जा सकी है. अदालत ने बचाव पक्ष को बहस करने के लिए पुनः 26 जुलाई निर्धारित की है.दहेज प्रताड़ना के मुजरिम को एक वर्ष की सजा
दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने के एक मामले में शुक्रवार अदालत ने खगड़िया बिहार निवासी रामचंद्र ठाकुर को एक वर्ष की कैद व 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है. चंदना कुमारी ने अदालत में शिकायतवाद दायर कर आरोप लगाया था कि उसकी शादी तीन फरवरी, 2010 को रामचंद्र ठाकुर के साथ हुई थी. शादी के 6 महीने के बाद उससे 50 हजार रुपए रुपये दहेज की मांग की जाने लगी. नहीं देने पर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा. चंदना ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने दूसरी शादी करने की भी धमकी दी थी और उसे छोड़कर पंजाब भाग गया था. वह सात माह के बाद लौटा और उसके साथ मारपीट की. कहा अगर पैसा नहीं देगा, तो तुम्हारे साथ ऐसा ही करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है