सिंदरी.
झारखंड काउंसिल ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन (जेसीएसटी) की ओर से धनबाद के दो प्रमुख तकनीकी संस्थानों आइआइटी आइएसएम व बीआइटी सिंदरी को अनुसंधान परियोजनाओं के लिए कुल 38,38 लाख रुपये अनुदान राशि स्वीकृत की गई है. झारखंड के विभिन्न उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों को इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट, इन्वायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी, एम्प्लॉयमेंट जनरेशन और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले 28 प्रोजेक्ट के लिए अनुदान दिये गये हैं. इनमें बीआइटी सिंदरी के पांच और आइआइटी आइएसएम का एक प्रोजेक्ट शामिल है.आइआइटी के डॉ अंतरिप के प्रोजेक्ट को मिला अनुदान
आइआइटी आइएसएम मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के डॉ अंतरिप पोद्दार को “बायो-मिमिकिंग अंडरवाटर रोबोट्स फॉर सस्टेनेबल माइनिंग ” शीर्षक परियोजना के लिए 7.33 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है. इस प्रोजेक्ट के तहत “रोबोफिश ” तकनीक के जरिए पानी के भीतर खनन करने वाले ऐसे यंत्र तैयार किए जाएंगे, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना काम करेंगे और खनन क्षेत्र में जोखिम घटायेंगे.
बीआइटी सिंदरी के पांच प्रोजेक्टर को मिली मदद
वहीं बीआइटी सिंदरी के डॉ काशिफ हसन काज़मी को “रोबोटिक एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग ” तकनीक पर शोध के लिए सात लाख रुपये का अनुदान मिला है. डॉ चैतन्य शर्मा को “एल्यूमिनियम अलॉय ” के उपयोग पर शोध के लिए 7.05 लाख रुपये और डॉ सीवी रघुनाथ को थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाले जहरीले गैसों के नियंत्रण संबंधी प्रोजेक्ट के लिए सात लाख रुपये मिले हैं. वहीं बीआइटी सिंदरी के प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के प्रो मुकेश चंद्रा को 6.80 लाख रुपये, केमिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के डॉ सीवी रघुनाथ को सात लाख रुपये और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो एम रहमान को 3.25 लाख रुपये अनुदान मिले हैं. शोध अनुदान की पहली किस्त (70 प्रतिशत) तुरंत जारी कर दी गई है. वहीं बाकी राशि प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट और खर्च के प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद दी जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है