मेमको मोड़ और गोल बिल्डिंग स्थित सरकारी शराब दुकानों में नकली बेचने के मामले में गिरफ्तार सभी पांच सेल्समैन को शुक्रवार को उत्पाद विभाग की टीम ने जेल भेज दिया. इसके विरोध में शुक्रवार को सुबह से लेकर दोपहर तक जिले के 69 विदेशी सरकारी शराब दुकानों को सेल्समैन ने बंद रखी. उत्पाद विभाग के कार्यालय के बाहर आकर प्रदर्शन किया. इनका कहना था कि मेमको मोड़ की दुकान में नकली शराब नहीं थी, लेकिन विभाग ने जबरन तीन कर्मचारियों को पकड़ कर जेल भेज रही है. दूसरी ओर सहायक उत्पाद आयुक्त राम लीला रवानी ने बताया कि सरकारी शराब दुकान में नकली शराब का मामला गंभीर है. इसे देखते हुए क्षेत्र के सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ निलंबन के लिए विभाग को लिखा गया है. वहीं इंस्पेक्टर जमन कुजूर को दूसरे जिला में तबादला करने के लिए उपायुक्त को पत्र लिखा गया है.
सेल्समैन का तर्क : शराब दुकान बंद रखने वाले कर्मचारियों का तर्क है कि मेमको मोड़ में 18 नीब मिली है. इसे नकली शराब बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई नकली शराब बेचेगा, तो नीब में क्यों, फुल में क्यों नहीं बेचेगा. फूल में ज्यादा कमाई होती. गुरुवार को ही वहां के स्टाफ ने शराब को फोरेंसिक जांच में भेजने का आग्रह किया था. जांच में नकली शराब मिले, तो जरूर जेल भेजा जाये. प्रदर्शन के दौरान शराब दुकान के कर्मियों ने वेतन देने की मांग की. सेल्स मैन सहायक उत्पाद आयुक्त राम लीला रवानी से मिले. उनके आश्वासन के बाद सभी लौट गये और अपनी दुकानें खोली.बहुत दिनों से चल रहा है नकली शराब का धंधा
सूत्रों ने बताया कि जिले के कई सरकारी शराब दुकानों में नकली शराब बेची जा रही है. इसे लेकर कई बार शिकायत भी की गयी, लेकिन कभी कार्रवाई नहीं हुई है.इसमें विभाग के लोग भी मिले हुए हैं. इसके अलावा शराब दुकानों में प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है