केंद्र सरकार भले ही 2026 तक देश से टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य लेकर चल रही हो, लेकिन धनबाद के सदर अस्पताल की जमीनी हकीकत इस लक्ष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है. दो माह पहले खराब हुई सीबी नेट मशीन अब भी दुरुस्त नहीं हो सकी है, इससे एमडीआर टीबी मरीजों की जांच अब भी प्रभावित है. जानकारी के अनुसार मशीन की बैट्री अबतक नहीं बदली गयी है. स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के अनुसार इस संबंध में कई बार वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया, लेकिन न तो कोई तकनीकी टीम आयी और न ही बैट्री की आपूर्ति हुई. नतीजा, मशीन ऑन नहीं हो पा रही है और एमडीआर टीबी की सटीक जांच बंद है.
ट्रुनेट जांच पर अब भी चिकित्सकों को भरोसा नहीं :
सीबी नेट मशीन के खराब रहने से ट्रुनेट मशीन से जांच की जा रही है. हालांकि, चिकित्सक पहले ही इसकी रिपोर्ट पर असंतोष जता चुके हैं. कई मामलों में रिपोर्ट संदिग्ध या गलत दिशा में इलाज को प्रेरित करने वाली साबित हो रही है.मरीज और परिजन परेशान
: टीबी के मरीज, जिनमें पहले डॉट्स दवा का असर नहीं हुआ, सही जांच के अभाव में इधर-उधर भटक रहे हैं. एमडीआर जांच नहीं होने से इलाज का अगला चरण शुरू नहीं हो पा रहा है. इससे संक्रमण के बढ़ने की आशंका है. इससे न केवल मरीज बल्कि उनके परिजन भी परेशान हैं.अब तक नहीं हुई मरम्मत की पहल
: इस सवाल का जवाब देने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बचते नजर आ रहे हैं. सूत्रों के अनुसार आपूर्ति और मरम्मत की प्रक्रिया जिला स्वास्थ्य मुख्यालय स्तर से नियंत्रित होती है. जहां से अब तक कोई पहल नहीं की गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है