सावन की पहली सोमवारी पर बेकारबांध स्थित राजेंद्र सरोवर घाट पर शिव महाआरती व शिव-पार्वती विवाह का भव्य आयोजन हुआ. झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन की ओर से आयोजित इस आध्यात्मिक कार्यक्रम के हजारों श्रद्धालु इस क्षण के गवाह बने. माहौल ऐसा मानो यहां बनारस का दशाश्वमेध घाट उतर आया हो. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आचार्य रणधीर मिश्रा के नेतृत्व में 22 सदस्यीय टीम ने भव्य व मनमोहक शिव महाआरती की. इसके पूर्व बनारस से आये चर्चित कलाकारों ने वानर सेना व शिव-पार्वती के वेश में भक्तों के पांव थिरकने पर विवश कर दिया. बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह था. आरती से पूर्व ””””अच्युतम केशवम, राम नारायणम”””” और ””””गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो”””” जैसे भजनों ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया. इसके बाद आचार्यों ने ””””जय जय भागीरथी नंदिनी”””” से आरती की शुरुआत की.
शिव व पार्वती के नृत्य में लीन हो गये धनबादवासी :
शिव महाआरती और शिव-पार्वती नृत्य नाटिका ने श्रद्धालुओं को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव कराया. ऐसा प्रतीत हुआ मानो स्वयं महादेव और माता पार्वती इस दृश्य को सजीव कर रहे हों. दोपहर तीन बजे से ही श्रद्धालु राजेंद्र सरोवर पहुंचने लगे थे. शाम साढ़े छह बजे कार्यक्रम की शुरुआत हुई और कलाकारों ने ””””जय हनुमान ज्ञान गुण सागर””””, ””””श्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में…”””” जैसे भजनों पर मनोहारी नृत्य कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया. सूर्य मंदिर परिसर से लेकर सरोवर की सीढ़ियों तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. शाम आठ बजे आचार्यों ने गंगा की आरती के बाद महाशिव आरती की. दीप, धूप, पुष्प और मंत्रों की गूंज से सारा परिसर पवित्रता और आस्था से भर उठा. रात नौ बजे आरती का समापन हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है