धनबाद नर्सिंग होम में आयुष्मान भारत योजना से निबंधित मरीजों की डायलिसिस बंद कर दी गयी है. मामले को लेकर शुक्रवार को डायलिसिस कराने वाले मरीज और उनके परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन से उनके कार्यालय में मुलाकात की. साथ ही सीएस के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा. मरीजों ने बताया कि सभी किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रसित है. जीवन बचाने के लिए डायलिसिस की जरूरत है. धनबाद नर्सिंग होम में सभी को आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा मिलती थी. अचानक से अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान के मरीजों के लिए डायलिसिस सेवा बंद कर दी है. इससे मरीजों को परेशानियों का सामाना करना पड़ा रहा है. बताया कि निजी अस्पतालों में डायलिसिस के लिए मोटी राशि की मांग की जा रही है. बार-बार पैसे खर्च कर डायलिसिस कराना मरीजों के लिए संभव नहीं है. क्योंकि अधिकांश मरीजों की आर्थिक स्थिति पहले से खराब है. उन्होंने सीएस से मामले में हस्तक्षेप कर धनबाद नर्सिंग होम में आयुष्मान के मरीजों की डायलिसिस सेवा शुरू कराने का आग्रह किया है.
लंबे समय से आयुष्मान का पैसा नहीं मिलने से प्रबंधन ने बंद की सेवा :
धनबाद नर्सिंग होम प्रबंधन के अनुसार लंबे समय से आयुष्मान के तहत मरीजों का इलाज करने के एवज में मिलने वाला पैसाें का भुगतान उन्हें नहीं किया गया है. जबकि, एक मरीजों की डायलिसिस करने में हजारों रुपये खर्च आता है. यही वजह है कि मजबूर होकर प्रबंधन ने आयुष्मान के मरीजों की डायलिसिस सेवा बंद की है. कहा कि पैसे का भुगतान होने के साथ सेवा शुरू कर दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है