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Dhanbad News : धनबाद में एक फीसदी किसानों को भी नहीं मिला पीएम खरीफ बीमा योजना का लाभ

लक्ष्य था 1,54,058 का, हुआ सिर्फ 137 का लैंड रिकॉर्ड की पेंच में फंस रहा मामलासरकार ने बढ़ायी आवेदन की तिथि

जिले में बिरसा प्रधानमंत्री खरीफ फसल बीमा योजना की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है. यहां 31 जुलाई तक 1,54,058 किसानों का बीमा कराने का लक्ष्य निर्धारित था. लेकिन, सिर्फ 137 किसानों ने इसके लिए आवेदन दिया. सरकार ने खराब स्थिति को देखते हुए आवेदन की तिथि बढ़ा कर 14 अगस्त कर दी है. मात्र एक रुपये में किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

क्या है परेशानी :

सूत्रों के अनुसार लैंड रिकॉर्ड में किसानों की जमीन का अद्यतन डाटा उपलब्ध नहीं होना पीएम फसल बीमा योजना में सबसे बड़ी बाधा है. अधिकांश मामलों में खतियान दादा-परदादा के नाम पर दर्ज है. और वंश में बंटवारे के बाद नए मालिकों ने म्यूटेशन नहीं कराया है. साथ ही कई ऐसे मामले भी आ रही है जिसमें जमीन पिता के नाम पर है, और पिता के देहांत के बाद बेटे ने जमीन अपने नाम नहीं किया है. जिस वजह से उनका आवेदन रद्द कर दिया जा रहा है. नियमों के अनुसार बीमा कराने के लिए किसानों को अपने नाम वाला जमीन का प्रमाण देना अनिवार्य है. बीते वर्ष 62 हजार किसानों के फसल का बीमा हुआ था.

बोकारो व गिरीडीह में भी जमीन का नहीं मिल रहा डाटा :

बिरसा प्रधानमंत्री खरीफ फसल बीमा योजना का हाल बोकारो व गिरिडीह जिलों में भी चिंताजनक है. बोकारो में अब तक सिर्फ 123 और गिरिडीह में 102 किसानों का ही बीमा हो सका है. दोनों जिलों में भी जमीन का डाटा नहीं मिलने व आवेदन करने वाले किसानों के नाम पर जमीन नहीं होने के कारण आवेदन अस्वीकृत हो रहे हैं.

बीमा प्रक्रिया में तेजी के लिए शुरू हुआ था प्रचार वाहन :

जिले में किसानों को एक रुपये में फसल बीमा कराने के लिए सहकारिता विभाग की ओर से प्रयास लगातार जारी हैं. इसके लिए विभाग ने प्रचार वाहान भी चलाया जा रहा है. साथ ही किसानों को प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी गयी है. बिचड़ा गलने पर नहीं मिलेगा बीमा लाभबीमा कराने वाले किसानों को धान की कटाई तक 80 प्रतिशत तक बीमा कवर मिलता है. लेकिन, हाल की भारी बारिश से धनबाद जिले में लगभग 15 प्रतिशत से अधिक किसानों के खेतों में लगाए गये बिचड़े गल गये. नियमों के अनुसार, यदि बिचड़ा गल जाता है तो बीमा योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा. इससे बड़ी संख्या में किसान योजना से वंचित हो सकते हैं, जो पहले ही फसल बीमा कराने की प्रक्रिया में मुश्किलें झेल रहे हैं.

कोट :

लैंड रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने के कारण किसानों को फसल बीमा के आवेदन में परेशानी हो रही है. अधिकतर जमीनें अब भी पूर्वजों के नाम पर ही है, जिससे उनका आवेदन अस्वीकृत हो रहा है. सरकार की ओर से नियमों में बदलाव किया जा रहा है. जिससे किसानों को राहत मिलेगी.

वेद प्रकाश यादव,

जिला सहकारिता पदाधिकारी

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