नया बाजार वासेपुर स्थित उप डाकघर में दो माह के अंदर की गयी 15 करोड़ 66 लाख 68 हजार 957 रुपये की अवैध निकासी के मामले में सोमवार को बैंक मोड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. केंद्रीय अनुमंडल धनबाद के डाक निरीक्षक संतोष कुमार की शिकायत पर तत्कालीन उप डाकपाल सुमित कुमार सौरभ को आरोपी बनाया गया है. पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर सुमित के कार्यकाल के दौरान हुए सभी ट्रांजेक्शन का विवरण निकालने का काम शुरू कर चुकी है.
डाक निरीक्षक संतोष कुमार ने अपनी शिकायत में कहा है कि नया बाजार वासेपुर उप डाकघर में सुमित कुमार सौरभ की पदस्थापना 22 दिसंबर 2021 को हुई थी. वह पांच फरवरी 2022 तक रहा. कार्यकाल के दौरान करोड़ों रुपये की अवैध निकासी की गयी. सुमित ने डाकपाल रहते हुए 117 नये फर्जी एसी खाते खोले और सभी का एटीएम कार्ड जारी करा लिया. वह डाकघर में जमा होनेवाली राशि इन खाताें में ट्रांसफर करने लगा. सुमित ने एटीएम कार्ड के जरिये दो माह के अंदर 15 करोड़ 66 लाख 68 हजार 957 रुपये की अवैध निकासी की. इसकी जानकारी विभाग को मिली, तो विभागीय जांच शुरू की गयी. जांच में पता चला कि सुमित ने घोटाला किया है और राशि निकाल ली है. यह मामला सीबीआइ को देने की तैयारी थी, लेकिन विभाग ने बैंक मोड़ थाना में सुमित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी.केके पॉलिटेक्निक पोस्ट ऑफिस मामले में सीबीआइ कर रही जांच :
इससे पहले धनबाद सीबीआइ 16 अप्रैल 2024 को सुमित कुमार सौरभ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मामला गोविंदपुर के केके पॉलिटेक्निक पोस्ट ऑफिस में हुए 9.38 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी फंड के घोटाले से जुड़ा था. सीबीआइ इसकी जांच कर रही है. प्राथमिकी में सुमित के अलावा परितोष लकड़ा, शंकर भाटिया व भरत प्रसाद रजक आरोपी बनाये गये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है