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झारखंड में 109 साल पुरानी खदान क्यों पूरी तरह कर दी गयी बंद? प्रबंधक का छलका दर्द

Jeetpur Coal Mine: सेल प्रबंधन ने जीतपुर खदान को पूरी तरह से बंद कर दिया. इस बाबत नोटिस चिपकायी गयी है. पानी का रिसाव होने के कारण यह फैसला लिया गया है. डीजीएमएस के आदेश पर एक साल पहले ही बंद खदान थी. यहां सिर्फ आवश्यक सेवाएं चालू थीं. सुरक्षा के दृष्टिकोण से 109 वर्ष पुरानी जीतपुर खदान को सेल प्रबंधन ने मंगलवार को पूरी तरह से बंद कर दिया.

Jeetpur Coal Mine: जोड़ापोखर (धनबाद)- सेल प्रबंधन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से 109 वर्ष पुरानी जीतपुर खदान को मंगलवार को पूरी तरह से बंद कर दिया. इसे लेकर महाप्रबंधक मनीष कुमार ने नोटिस चिपका दी है. यह कोलियरी 23 अप्रैल 2024 को ही बंद कर दी गयी थी, लेकिन आवश्यक सेवाएं जारी थीं. मंगलवार से सभी सेवाएं बंद कर दी गयीं. बताया जाता है कि टाटा स्टील द्वारा जामाडोबा 6/7 पिट्स एवं 2 पिट्स कोलियरी को पानी भरने के कारण बंद करा दिया गया है. जिसके कारण वहां पंपिंग नहीं होती है. उससे पानी का रिसाव जीतपुर कोलियरी में लगातार हो रहा था. डीजीएमएस व सिंफर के आदेशानुसार सेल निदेशक ने जीतपुर कोलियरी में 23 अप्रैल 24 को ही मजदूरों को नहीं भेजने का निर्देश दिया था. वहां पंपिंग के लिए 12 मजदूर खदान जाते थे, अब वे भी नहीं जायेंगे. कोलियरी में 145 कर्मी कार्यरत थे, जिन्हें तबादला किये जाने की संभावना है. जीतपुर कोलियरी बंद होने से नोनिकडीह, जीतपुर सहित जामाडोबा बाजार पर असर पड़ेगा. स्थापना काल से ही सेल जीतपुर कोलियरी में स्टील ग्रेड का कोयला उत्पादन होता था.

सुरक्षा कारणों से एक अच्छी खदान बंद करनी पड़ी : प्रबंधक


इस संबंध में कोलियरी प्रबंधक राघवेंद्र कुमार ने बताया कि 1916 में उक्त कोलियरी खोली गयी थी. 1920 से कोयले का उत्पादन शुरू हो गया था. कोलियरी में आठ से नौ हजार मजदूर कार्यरत थे. 1977 में जीतपुर से मासिक 35 से 40 टन कोयला प्रतिदन उत्पादन होता था. कोलियरी की एशिया महादेश में आधुनिक माइंस की श्रेणी में गिनती की जाती थी, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से बंद करना पड़ा.

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सोमवार को जीएम बना और मंगलवार को खदान बंद हो गयी, यह मेरा दुर्भाग्य : मनीष कुमार


जीएम मनीष कुमार ने बताया कि सहायक प्रबंधक से लेकर महाप्रबंधक तक का सफर उक्त कोलियरी में ही किया. सेल ने सोमवार को महाप्रबंधक बनाया. मंगलवार को ही कोलियरी बंद कर दी. उससे मजदूरों एवं अधिकारियों में मायूसी छा गयी है. यह मेरा भी दुर्भाग्य है.

संयुक्त मोर्चा ने खदान बंदी के फैसले का किया विरोध


जीतपुर कोलियरी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने खदान बंदी की निंदा की है. सेल प्रबंधन के खिलाफ धरना देते हुए कहा कि बिना किसी सूचना के कोलियरी बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है. कोलियरी बंद होने से मजदूरों में स्थानांतरण का खतरा मंडरा रहा है. कोलियरी को चालू करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल जल्द वरीय अधिकारियों से भेंट करेगा. धरना में सचिन सिंह, विकास सिंह, अमरजीत पासवान, प्रह्लाद दुबे,र मन मिश्रा, मो इस्लाम आदि थे.

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Guru Swarup Mishra
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मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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