धनबाद के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने धनबाद जिले के सभी न्यायिक पदाधिकारियों के साथ गुरुवार को बैठक सुलह के योग्य ज्यादा से ज्यादा मुकदमों को मध्यस्थता के लिए भेजने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यह अभियान विभिन्न प्रकार के विवादों जैसे वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा मामले, समझौता योग्य आपराधिक मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, विभाजन, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और मध्यस्थता योग्य दीवानी मामले का समाधान मध्यस्थता के जरिए निकालने का प्रयास किया जाएगा. क्योंकि राष्ट्र की मजबूती के लिए विवाद की जगह संवाद की जरूरत है.
ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड पर होगी सुलहनीय मामलों की सुनवाई :
अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार मयंक तुषार टोपनो ने बताया कि बढ़ते विवादों की संख्या को देखते हुए नालसा द्वारा राष्ट्र के लिए मध्यस्थता एक विशेष अभियान की शुरुआत एक जुलाई से की गयी है, जो 30 सितंबर तक चलायी जायेगी. इस अभियान में, पक्षकारों की सुविधा के लिए, सप्ताह के सातों दिन मध्यस्थता द्वारा मुकदमों के निबटाने के प्रयास किये जाएंगे. एक जुलाई से 31 जुलाई तक, न्यायालय अपनी कारण सूची से विशेष मध्यस्थता अभियान के लिए पात्र मामलों की पहचान और सूची बनायेगा. इस अवधि में निबटारे की संभावना वाले मामलों को मध्यस्थता के लिए भेजा जायेगा. मध्यस्थता की कार्यवाही ऑफलाइन, ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में आयोजित की जा सकती है. मौके पर प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुभाष, प्रधान न्यायाधीश प्रथम मनीष रंजन, प्रधान न्यायाधीश कमलेश कुमार शुक्ला, विजय कुमार श्रीवास्तव, दुर्गेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य नायक दंडाधिकारी पार्थ सारथी घोष आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है