बैंकमोड़, एक्जोटिका अपार्टमेंट में एक्जोटिका भागवत समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान के तीन विशिष्ट अवतार वामन, श्रीराम और श्रीकृष्ण की गाथाओं ने न सिर्फ श्रद्धालुओं को भक्ति में सराबोर किया, बल्कि जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी. कथा वाचक पंडित उदय तिवारी ने व्यास पीठ से भक्तों से कहा कि जब हृदय में विनम्रता हो, कर्म में मर्यादा हो और अंतःकरण में विश्वास हो, तब जीवन में अंधकार टिक नहीं सकता. कथा के अंत में जैसे ही कृष्ण जन्म का प्रसंग आया, पूरा परिसर ‘नंद के आनंद भयो’ के जयकारों से गूंज उठा. कृष्ण का जन्म यह बताता है कि जब संसार में अन्याय बढ़ता है, तब आशा अंधेरे में जन्म लेती है. हर कठिनाई के भीतर कोई कृष्ण छिपा होता है. आज के समय में जब लोग बाहर से सब कुछ पा लेना चाहते हैं, वहीं भीतर का आत्मबल खोते जा रहे हैं. वामन सिखाते हैं कि छोटा बनो, राम सिखाते हैं कि अपने कर्तव्य से न डरो, और कृष्ण सिखाते हैं कि प्रेम और विश्वास से बड़ा कोई अस्त्र नहीं. कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के सभी सदस्य सक्रिय हैं.
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