भारतीय जनता पार्टी धनबाद जिले में संगठनात्मक मजबूती की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है. वर्ष 2025 की शुरुआत में संपन्न हुए सदस्यता अभियान के बाद अब बूथ, मंडल व जिला स्तर पर संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. हालांकि कई बूथों और मंडलों पर समिति गठन की प्रक्रिया अधूरी है, लेकिन अधिकांश मंडलों से अध्यक्ष पद के लिए तीन-तीन नामों का पैनल प्रदेश कार्यालय को भेजा जा चुका है. प्रदेश भाजपा द्वारा इन पैनलों में से योग्य उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जारी है और जुलाई के पहले सप्ताह तक सभी मंडलों में अध्यक्षों की घोषणा की संभावना है. सूचना के मुताबिक कुछ स्थानों पर नामों को लेकर कार्यकर्ताओं में मतभेद के कारण प्रक्रिया थोड़ी धीमी है.
महानगर व ग्रामीण जिलाध्यक्ष के लिए लाबिंग तेज :
इधर धनबाद महानगर व ग्रामीण जिलाध्यक्ष पद को लेकर संगठन के भीतर सक्रिय हलचल व लाबिंग तेज हो गयी है. सूचना के मुताबिक इस पद पर नियुक्ति को लेकर दिल्ली से लेकर प्रदेश स्तर तक चर्चा जारी है. सांसद और विधायकों के प्रतिनिधियों की भूमिका भी चयन प्रक्रिया में अहम मानी जा रही है. जानकारी के मुताबिक संभावित नामों में कई पुराने, अनुभवी और संगठन में लंबे समय से कार्यरत चेहरों की चर्चा है. हालांकि भाजपा प्रदेश नेतृत्व गुटबाजी से बचते हुए संतुलित निर्णय लेने की दिशा में गंभीर है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सबसे बड़ी चुनौती पुराने बनाम नये कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बैठाने, पारदर्शिता बनाये रखने व संगठनात्मक संतुलन बनाने की है. कई कार्यकर्ताओं में यह आशंका है कि कहीं जनप्रतिनिधियों के दबाव में किसी अप्रत्याशित नाम को वरीयता न दे दी जाये.जुलाई के पहले सप्ताह में घोषणा संभव :
बूथ और मंडल समितियों के गठन के पूर्ण होते ही जिलाध्यक्ष पद के लिए अंतिम मुहर लगायी जायेगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि जुलाई के पहले सप्ताह तक मंडल अध्यक्षों की घोषणा के साथ-साथ धनबाद महानगर व ग्रामीण जिलाध्यक्ष की भी नियुक्ति तय हो सकती है. धनबाद भाजपा की यह प्रक्रिया संगठनात्मक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है. इससे आने वाले चुनावों के लिए एक मजबूत और एकजुट इकाई तैयार की जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है