राजगंज में शनिवार के अहले सुबह हुई सड़क दुर्घटना में दो मित्रों बैंकमोड़ शांति भवन अपार्टमेंट निवासी साहिल कृष्णाणी व जोड़ाफाटक एक्जोटिका निवासी अनमोल रतन-की मौत के बाद रविवार को अंतिम संस्कार बस्ताकोला गोशाला में किया गया. साहिल को मुखाग्नि उसके पिता विशाल कृष्णाणी व अनमोल को उसके पिता हरदयाल सिंह ने दी. इस दौरान दोनों मृतकों की मां भी वहां मौजूद थी. दोनों युवकों की माताएं इस दुखद क्षण में वहीं मौजूद रहीं. अपने इकलौते बेटे के चले जाने का दुख उनके चेहरे से साफ झलक रहा था. एक साथ दोनों बेटों की चिता सजती देख हर किसी की आंखें भर आईं. दोनों के परिवार और दोस्तों के लिए यह क्षति कभी नहीं भर पाएगी.
अलग बगल सजायी गयी चिता :
अनमोल का शव पूर्वाह्न नौ बजे ही उसके घर से निकल कर गोशाला पहुंच चुका था. वहां उसके पूरे परिवार के लोग मौजूद थे. उसका शव पहुंचने के आधे घंटे के बाद साहिल का शव गोशाला पहुंचा. गोशाला में दोनों के परिचितों की भीड़ उमड़ पड़ी. दोनों दोस्तों की चिता भी अलग बगल ही सजायी गयी थी. हर किसी की आंखें नम थी. पढ़ाई से लेकर अंतिम यात्रा तक दोनों साथ थे. चिता सजने के बाद जैसे ही दोनों के शव को रखा गया, परिजनों के अलावा वहां मौजूद लोग अपने आंसू रोक नहीं पाये. दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. दोनों की मां भी मौजूद थी. दोनों अपने इकलौते पुत्र के चले जाने का गम चेहरा पर साफ दिख रहा था.मंदिर और गुरुद्वारा लाया गया शव :
फ्लैट से अनमोल का शव को निकालने के बाद शक्ति मंदिर के बाहर लाया गया. उसके बाद शव को उठा कर जोड़ाफाटक स्थित छोटा गुरुद्वारा लाया गया. यहां विधि विधान किये गये. इस दौरान जोड़ाफाटक में रहने वाले सभी लोग गुरुद्वारा के बाहर और अंदर इकट्ठा हुए. सभी की आंखों में गम दिख रहा था. उसके बाद अनमोल के शव को गोशाला ले जाया गया. वहीं दूसरी ओर शांति भवन में साहिल कृष्णाणी के शव को देखने दर्जनों लोग पहुंचे. कोई किसी को कुछ कह नहीं पा रहा था. फ्लैट के नीचे जिले के सभी व्यवसायी व उनके जानने पहचानने वाले मौजूद थे. उसके बाद उसका शव भी गोशाला ले जाया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है