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पीएम मोदी का झारखंड को बड़ा तोहफा, केंद्रीय कैबिनेट से संशोधित झरिया मास्टर प्लान मंजूर, 5940 करोड़ होंगे खर्च

Union Cabinet Decision: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है. इस पर 5940 करोड़ रुपये खर्च होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी. आग, भूस्खलन और पुनर्वास से निबटने के लिए झरिया मास्टर प्लान बना था. भू-धंसान और अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित परिवारों को इससे राहत मिलेगी. संशोधित मास्टर प्लान में पुनर्वासित परिवारों की स्थायी आजीविका के साधन सृजित करने पर जोर दिया गया है.

Union Cabinet Decision: धनबाद-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति ने झरिया कोयला क्षेत्र में आग, भू-धंसान से निबटने और उससे प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को लेकर संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दे दी है. इस योजना के कार्यान्वयन पर 5,940.47 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जायेगी. इससे झरिया क्षेत्र में आग और भू-धंसान जैसी समस्याओं से निबटने के साथ-साथ प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सकेगा.

2009 में मिली थी झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी


केंद्र सरकार ने धनबाद जिले के कोलियरी क्षेत्रों में आग, भूस्खलन से निबटने के लिए 12 अगस्त 2009 को 7112.11 करोड़ रुपये के बजट के साथ झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी, ताकि अग्नि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास सहित आग व भू-धंसान से जुड़ी समस्याओं का निबटारा किया जा सके. इसकी कार्यान्वयन अवधि 10 वर्ष रखी गयी. इसे दो वर्ष के लिए आगे बढ़ाया गया. पिछली मास्टर प्लान योजना की अवधि वर्ष 2021 में खत्म हो गयी थी. आग से निबटने की पूरी जिम्मेदारी बीसीसीएल की है, जबकि कोलकर्मियों को पुनर्वासित करने की जिम्मेदारी बीसीसीएल और गैर बीसीसीएल कर्मियों के पुनर्वासित करने की जिम्मेदारी झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकरण (जेआरडीए) की है. ऐसे में संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने से पुनर्वास कार्य में तेजी आयेगी. भू-धंसान व अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किया जा सकेगा.

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आजीविका और पुनर्वास पर विशेष ध्यान


संशोधित मास्टर प्लान में पुनर्वासित परिवारों की स्थायी आजीविका के साधन सृजित करने पर जोर दिया गया है. पुनर्वासित परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए विशेष कौशल विकास व रोजगार परक उपाय किये जायेंगे. इसके अलावा, एक लाख रुपये का आजीविका अनुदान और वैध भू-स्वामित्व धारक (एलटीएच) परिवारों और अपंजीकृत भू-धारक (नॉन-एलटीएच) परिवारों- दोनों को तीन लाख रुपये तक संस्थागत ऋण सहायता दी जायेगी. इसके अलावा, पुनर्वासित स्थलों पर सड़क, बिजली, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्कूल, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र, सामुदायिक भवन जैसे व्यापक बुनियादी ढांचे और आवश्यक सुविधाएं विकसित की जायेगी. संशोधित झरिया मास्टर प्लान कार्यान्वयन समिति की सिफारिशों के अनुसार इन प्रावधानों को लागू किया जायेगा. इससे समग्र और मानवीय पुनर्वास सुनिश्चित होगा.

झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष होगा स्थापित


पुनर्वासित व्यक्तियों की आजीविका के उपायों के लिए समर्पित झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष स्थापित किया जायेगा. इस क्षेत्र में संचालित बहु कौशल विकास संस्थानों के सहयोग से वहां कौशल प्रदान करने संबंधी विकास पहल भी की जायेगी.

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Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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