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Dhanbad News : जिस कमरे से टपक रहा है पानी, उसे ही बना रहे स्मार्ट क्लासरूम, लग रहे कीमती उपकरण

प्रभात खास : हाल हीरापुर के मध्य विद्यालय-नगरपालिका का-हादसों को न्योता दे रहा आधी-अधूरी तैयारी के साथ बनाया जा रहा स्मार्ट क्लास

शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे किये जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कई बार इन दावों की पोल खोल देती है. धनबाद के हीरापुर स्थित मध्य विद्यालय नगरपालिका की स्थिति कुछ ऐसी ही है. जहां बारिश के मौसम में बच्चों की पढ़ाई ठप हो जाती है. जर्जर भवन की छत से पानी टपकता है. चार कमरों में कक्षा एक से आठ तक के 204 बच्चे पढ़ते हैं. विद्यालय में केवल पांच कमरे हैं. शिक्षकों को एक ही कमरे में दो-दो कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाना पड़ता है. कई बार विवशता में छात्रों को बाहर जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है. स्कूल में बिजली कटने के बाद क्लास में अंधेरा छा जाता है. एमडीएम का खाना बनाने के लिए किचन का हाल भी कुछ ठीक नहीं है. सालों से किसी कमरे की मरम्मत नहीं होने की वजह से जगह-जगह दरार पड़ चुकी है.

अधिकतर कमरों में सीलन का कब्जा :

प्राचार्य मधु कुमारी का कहना है कि स्कूल के अधिकतर कमरों में सीलन का कब्जा है. उसी सीलन भरी दीवारों वाले कमरे को स्मार्ट क्लासरूम में बदला जा रहा है. स्मार्ट बोर्ड लगाने से पहले कमरे की हालत सुधारने की बजाय उसी सीलन वाली दीवारों पर वायरिंग व पेंटिंग का काम हो रहा है. इससे न सिर्फ स्मार्ट उपकरणों को नुकसान पहुंचने का खतरा है, बल्कि बच्चों और शिक्षकों के साथ हादसा होने का भी खतरा है. इतना सब होने के बावजूद विभागीय अधिकारी इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहे हैं.

सीढ़ियों व छत पर है फिसलन :

स्कूल के भवन का प्लास्टर गिर चुका है. छतों पर काई जमी हुई है. सीढ़ियों व छत पर काफी फिसलन है. यह सब मिलकर बड़े हादसे को संकेत दे रहे हैं. हर साल भवन की मरम्मत की मांग की जाती है, लेकिन इससे संबंधित फाइलें केवल कार्यालयों में धूल फांक रही हैं.

शौचालय है गंदा, पीने के पानी की नहीं है व्यवस्था :

स्कूल में शौचालय की हालत भी बेहद खराब है. इससे छात्राओं को सबसे अधिक परेशानी होती है. कई दिनों से साफ सफाई नहीं होने के वजह से शौचालय से काफी बदबू आती है. इसके अलावा विद्यालय में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. बच्चे अपने घर से पानी लेकर आते हैं. अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन की बेरुखी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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