रेलवे ट्रैक के समीप आने वाले हाथियों की निगरानी के लिए धनबाद-गया ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन में चिचाकी-हजारीबाग रोड और केशवारी व चौबे अनुभाग में आइडीएस (इंटूजन डिटेक्शन सिस्टम) से लैस करने की कवायत तेज हो गयी है. जरूरी प्रक्रिया पूरी कर रेलवे की ओर से टेंडर की प्रक्रिया की गयी है. इसका फायदा आने वाले दिनों में मिलने लगेगा. सिस्टम के चालू होने के बाद जहां ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बचेगी. वहीं दूसरी ओर ट्रेन की टक्कर से हाथियों की मौत नहीं होगी. रेलवे की ओर से जनवरी माह में भी इसकी प्रक्रिया की गयी थी. दूसरे जगहों पर लगे सिस्टम की टेस्टिंग का इंतजार किया जा रहा है.
ऐसे काम करेगा इंटूजन डिटेक्शन सिस्टम :
हाथियों के रेलवे ट्रैक के पास पहुंचते ही रेलवे को इसकी जानकारी मिल जायेगी. समय रहते ट्रेनों को रोक दिया जायेगा या सावधानी के साथ चलाया जायेगा. इसके लिए रेलवे की ओर से ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन को आइडीएस (इंटूजन डिटेक्शन सिस्टम) से लैस किया जायेगा. 25 जुलाई तक टेंडर डाला जायेगा. काम आवंटित होने के छह माह में काम पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसकी सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग धनबाद से होगा. हजारीबाग को भी कंट्रोल का अधिकार दिया जायेगा.ऐसे काम करेगा उपकरण :
यह उपकरण धनबाद रेल मंडल में पहली बार इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि दूसरे रेल मंडलों में भी इसे लगाया गया है. ट्रैक के करीब आने वाले हाथी या फिर हाथी के बच्चे की पहचान करने के लिए एआइ का इस्तेमाल किया जायेगा. प्रणाली में हाथी व उसके बच्चे के चित्र को डाला जायेगा. यह प्रणाली तभी काम करेगी, जब हाथी या हाथी का बच्चा सामने आये. इसके अलावा दूसरा कोई भी जानवर इस प्रणाली के करीब आता है, तो यह काम नहीं करेगा. आइडीएस के तहत ओएफसी केबल को जमीन के नीचे बिछाया जाता है. साथ ही सेंसर लगाये जायेंगे. हाथी जब केबल के नजदीक आयेंगे, तो यह कंट्रोल रूम को सूचना देगा. साथ ही ग्रेंड कॉड लाइन में चल रहे लोको पायलट को इसकी सूचना मिल जायेगी और लोको पायलट ट्रेन को रोक देगा. ट्रैक क्लीयर होने पर ही ट्रेन पास होगी. यह प्रणाली हजारीबाग रोड के 40 किलोमीटर अप व डाउन लाइन को कवर करेगी. सिस्टम को चिचाकी-हजारीबाग रोड और केशवरी-चौबे तक लगाया जाना है. यह गोमो के पास से लेकर कोडरमा तक कवर करेगा. इसके लिए चार करोड़ 83 लाख 62 हजार 797 रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है