संवाददाता, दुमका. एसपी कॉलेज दुमका के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में शुक्रवार को स्मार्ट निवेशक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों, प्राध्यापकों एवं आमजन को सुरक्षित एवं विवेकपूर्ण निवेश की रणनीतियों के प्रति जागरूक करना था. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. के.पी. यादव ने की. उन्होंने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में वर्तमान वित्तीय युग में निवेश की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वित्तीय साक्षरता आज के युवाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है. केवल बचत करना पर्याप्त नहीं, बल्कि समझदारी से निवेश करना समय की मांग है. उन्होंने छात्रों को जीवन के प्रारंभिक चरण से ही वित्तीय अनुशासन अपनाने की सलाह दी. इस अवसर पर सेबी द्वारा नामित विशेषज्ञ वक्ता, सिक्योरिटी मार्केट ट्रेनर डॉ. सुजीत मुखर्जी ने “स्मार्ट निवेशक कौन? “, “शेयर बाजार में सुरक्षित निवेश कैसे करें? “, “साइबर फ्रॉड से बचाव के उपाय “, “पोंजी योजनाओं की पहचान एवं उनसे बचाव ” जैसे विषयों पर अत्यंत प्रभावी प्रस्तुति दी. उन्होंने प्रतिभागियों को निवेश से पूर्व समुचित जानकारी प्राप्त करने, प्रमाणित निवेश मंचों का चयन करने तथा डिजिटल लेन-देन में सावधानी बरतने की सलाह दी. आइक्यूएसी समन्वयक डॉ. पूनम बिंझा ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए बताया कि यह जागरूकता कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत समग्र विकास और व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. उन्होंने कहा कि वित्तीय जागरूकता से छात्र भविष्य में अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकते हैं. कार्यक्रम में वाणिज्य, अर्थशास्त्र, विज्ञान तथा मानविकी संकाय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकगणों ने भी भाग लिया. प्रतिभागियों ने विशेषज्ञ से सीधे प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया. कार्यक्रम को संवादात्मक, जानकारीपूर्ण और प्रेरक बताते हुए कई छात्रों ने भविष्य में ऐसे और आयोजनों की मांग की. कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र विभाग के छात्र संदीप किस्कू ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. उपेंद्र कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया. कॉलेज कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. कुमार सौरभ ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन के प्रयास न केवल छात्रों में निवेश के प्रति सजगता बढ़ाने वाले सिद्ध होंगे, बल्कि यह भी प्रमाणित करेंगे कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अकादमिक ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन कौशल में भी दक्षता प्रदान करना है. इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ चंद्रशेखर रजक, डॉ लीना मुर्मू, डॉ मनिषा कच्छप, डॉ बसंती हांसदा, डॉ मनीश कुमार उपस्थित थे.
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