दुमका नगर. प्रदेश विश्वकर्मा समाज जिला दुमका के जिला अध्यक्ष गंगाधर शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को रैली का आयोजन किया गया. रैली में हजारों की संख्या में विश्वकर्मा समाज के लोग शामिल हुए. रैली बुलेट शोरूम के पीछे विश्वकर्मा समाज के निजी जमीन से निकल कर नगर भ्रमण करते हुए समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. शुभारंभ जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर मंडल एवं विश्वकर्मा समाज के संरक्षक शिवप्रसाद शर्मा ने किया. जिला अध्यक्ष गंगाधर शर्मा ने कहा कि दुमका के सभी आरा मिल बंद हैं, जिससे यहां के बढ़ई कारीगरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कहीं से भी लकड़ी लाने पर वन विभाग की टीम द्वारा उन्हें पकड़ कर कार्रवाई कर दी जाती है. इससे पूरा विश्वकर्मा कारीगर समाज डरा सहमा हुआ है. गरीब कारीगरों पर अत्याचार होने के कारण इन्हें मजबूर होकर सड़क पर उतरना पड रहा है. पूरा विश्वकर्मा समाज सरकार से उम्मीद करता है कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा. जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर मंडल ने कहा कि विश्वकर्मा समाज पिछड़ा वर्ग में आता है. हम किसी पिछड़े वर्ग पर अन्याय होते नहीं देख सकते हैं. आरा मिल खुलवाने के लिए हमेशा विश्वकर्मा समाज के साथ हैं, कोई भी पदाधिकारी किसी की रोजी-रोटी छीने यह बर्दाश्त नहीं होगा. रैली में विश्वकर्मा समाज ने मुख्य मांगों में दुमका जिला के लकड़ी मिलों को खुलवाने, बढ़ई कारीगर को 25 सीएफटी तक लकड़ी लाने और ले जाने की छूट देने, बढ़ई कारीगर को लकड़ी डिपो का लाइसेंस देने, झारखंड में आर्टिजन डेवलपमेंट बोर्ड का गठन, अनुभवी बढ़ई कारीगरों को साल में 10 परिपक्व पेड़ काटने की अनुमति देने व अनुभवी कारीगरों की पहचान झारखंड प्रदेश विश्वकर्मा समाज रजिस्टर्ड संस्था द्वारा करने के अलावा अनेकों मांगें भी शामिल थी. मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष जयराम शर्मा, प्रदेश महासचिव जयप्रकाश शर्मा, प्रदेश सचिव पवन शर्मा, सरैयाहाट के अशोक शर्मा, जिला उपाध्यक्ष क्रांति राणा, त्रिभुवन मिस्त्री, जिला महासचिव रवींद्र शर्मा, नीलू मारिया, मुकेश शर्मा, पिंटू मिस्त्री, सरैयाहाट प्रखंड अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, कपिल देव शर्मा, महिला जिला महासचिव सोनम कुमारी, बेबी देवी, जरमुंडी प्रखंड अध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा, विकास शर्मा, उत्तम शर्मा, नागेंद्र शर्मा, बिट्टू शर्मा, पप्पू शर्मा, विजय शर्मा तथा हजारों की संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे.
समाज की प्रमुख मांगें
बढ़ई कारीगर को 25 सीएफटी तक लकड़ी लाने और ले जाने की छूट मिले.
स्फूर्ति योजना के तहत 500 कारीगरों का क्लस्टर बनाकर जमीन उपलब्ध करायी जाये.कारीगरों को मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 10 लाख का ऋण बिना गारंटी के मिले.
टीपी परमिट को बंगाल की तर्ज पर सरल बनाया जाये.बढ़ई कारीगर को लकड़ी डिपो का लाइसेंस मिले, ताकी फर्नीचर का कारोबार वे कर सकें.
झारखंड में आर्टिजन डेवलपमेंट बोर्ड का गठन हो.अनुभवी बढ़ई कारीगरों को साल में 10 परिपक्व पेड़ काटने की अनुमति मिले.
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