दुमका. दुमका के बाल कल्याण समिति ने दो वर्ष 10 माह की बालिका को वापस अपने संरक्षण में ले लिया है. उचित तरीके से देखभाल और संरक्षण नहीं करने की शिकायत मिली थी. सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी गयी थी. चाइल्ड हेल्पलाइन की केस वर्कर निशा कुमारी, केस वर्कर निकू कुमार, केस वर्कर खुशबु कुमारी और डीसीपीयू की आउटरीच वर्कर सुनीता मरांडी की चार सदस्यीय टीम ने जामा थाना क्षेत्र के गांव से शनिवार की दोपहर बालिका का रेस्क्यू किया. बालिका को मिशनरीज ऑफ चैरिटी दुधानी दुमका द्वारा संचालित बालगृह में आवासित कर दिया गया है. समिति के सदस्य डॉ राजकुमार उपाध्याय ने बताया कि पीड़िता जो समिति के आदेश से बालगृह (बालिका), धधकिया, दुमका में आवासित थी, उसने 01 अगस्त को बालिका को जन्म दिया था. समिति के आदेश से बेटी को लेकर अपने घर चली गयी थी. शनिवार को उसने फोन से बताया कि वह तामिलनाडु में काम कर रही है. उसकी बेटी नानी के पास दुमका में रह रही है. ठीक तरह से देखभाल नहीं हो रही है. वह बेटी के सुरक्षा को लेकर भी चिंतित थी. समिति के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्रा ने चाइल्ड हेल्पलाइन और डीसीपीयू की टीम को गठित कर गांव भेजा. केस वर्कर निकु कुमार ने समिति को रिपोर्ट की. कमेटी के निर्देश पर टीम ने बालिका का रेस्क्यू किया और उसे मिशनरीज ऑफ चैरिटी में पहुंचा दिया. भीख मांगकर गुजारा करनेवाले दोनों बच्चों का होगा प्रोडक्सन मसलिया की रांगा पंचायत के झीलुवा गांव में दो आदिवासी बच्चे भीख मांग कर गुजारा करने का मामला संज्ञान में आने पर जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्रा ने दोनों बच्चों को समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए यूनिट की पीओ एनआइसी दीपा साहु, केश वर्कर जुल्फिकार अंसारी और प्रमिला टुडू को शनिवार की सुबह गांव भेजा. टीम बच्चों के पास पहुंची और उनसे मिलकर उनके दैनिक जीवन में उपयोग की सामग्री भेंट की. ग्रामीणों को बताया कि दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है. इसपर ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने कहा कि वे पहले मामले में बैठक कर निर्णय लेंगे. इसके बाद दोनों बच्चों को सुपुर्द किया जायेगा. बच्चों के लिए तत्काल बेड से लेकर कपड़े व सामान उपलब्ध कराया गया है. समिति ने दोनों बच्चों को स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ने और उनके शिक्षा व अन्य अवश्यकता का आकलन कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. डीसीपीओ प्रकाश चंद्रा ने बताया कि दोनों बच्चों को 18 या 19 मई को समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने की संभावना है.
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