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दुमका की निहारिका को 14वां और तुषार शेखर को 83वां रैंक

कोई पहले तो कोई दूसरे प्रयास में मारी बाजी, सफलता पर परिवार में खुशी

झारखंड लोक सेवा आयोग की संयुक्त परीक्षा में जिले के अभ्यर्थियों ने मारी बाजी संवाददाता, दुमका झारखंड लोक सेवा आयोग की संयुक्त परीक्षा में दुमका की निहारिका रानी को 14वां रैंक प्राप्त हुआ है. मूल रूप से मसलिया के खैरबनी के रहनेवाले शहर के डंगालपाड़ा में रह रहे दुमका कोर्ट के अधिवक्ता विजय कुमार गुप्ता और पारा शिक्षिका सीमा कुमारी की पुत्री निहारिका ने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है. निहारिका पिछली बार साक्षात्कार तक पहुंची थी, पर कुछ अंक से वह इसमें चयनित नहीं हो पायी थी. निहारिका की स्कूली शिक्षा सनरेज स्कूल पालाेजोरी से, सेकेंडरी स्कूल दुमका के साइटेक अकादमी, ग्रेजुएशन वीमेंस काॅलेज पटना से हुई है. निहारिका ने सफलता का श्रेय माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों को दिया है. शहर के एलआइसी कॉलोनी में रहनेवाले सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षेकतर कर्मचारी डॉ चंद्रशेखर कुमार सिंह व नीलू कुमारी के पुत्र तुषार शेखर का चयन भी झारखंड प्रशासनिक सेवा में हुआ है. तुषार का रैंक 83वां है. वर्तमान में तुषार बिहार राज्य के पूर्णिया जिले में इफको में फील्ड ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. बेटे की सफलता पर डॉ सिंह खुश हैं. उन्होंने बताया कि तुषार ने दुमका के संत जोसेफ स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इंटर की पढ़ाई तुषार ने जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल इंटर कॉलेज धनबाद से पूरी की है, जबकि कृषि विज्ञान में स्नातक की डिग्री बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची से हासिल की है. इन्होंने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है. सरैयाहाट के जीवेश की सफलता से झूम उठा परिवार वहीं सरैयाहाट प्रखंड के जोकेला गांव के रहनेवाले शिक्षक रामानंद यादव के पुत्र जीवेश कुमार ने पहले ही प्रयास में जेपीएससी में सफलता पायी है. इनका चयन झारखंड लोक सेवा द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में झारखंड प्रशासनिक सेवा पद पर हुआ है. सफलता इन्होंने 24 वर्ष की आयु में प्रथम प्रयास में हासिल किया. इन्होंने ग्रेजुएशन जियोग्राॅफी से किया है. उन्होंने सफलता का श्रेय पिता रामानंद यादव, चाचा शिक्षक नंदलाल यादव व एसआइ गौतम कुमार, दादा लक्ष्मण यादव समेत अन्य सदस्यों को दी है. बताया कि इनके सही दिशा निर्देश के कारण ही उन्हें यह सफलता मिली है. कोविड के समय से ऑनलाइन क्लासेस व यू-ट्यूब जेपीएससी परीक्षा से संबंधित वीडियो देखना शुरू किया. कहा कि सबसे ज्यादा कारगर सेल्फ स्टडी करना होता है. कहा कि अपनी पिछली गलतियों का विश्लेषण करें और उनसे सीखें. सकारात्मक सोच रखें और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें. धैर्य रखें और निरंतर प्रयास करते रहें तो एक दिन आप जरूर सफल होंगे. उल्लेखनीय है कि पिछले जेपीएससी में प्रखंड के दो छात्रों ने सफलता हासिल की थी.

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