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भारी बारिश से धान के खेत हुए जलमग्न, कई कच्चे मकान गिरे

मूसलधार बारिश से प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर धान के निचले खेत जलमग्न हो गये हैं. विभिन्न जगहों पर पानी निकासी की व्यवस्था मुकम्मल नहीं रहने से लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है.

मौसम का असर. रानीश्वर में 105 मिमी हुई बारिश, छोटी नदियां फिर उफान पर प्रतिनिधि, रानीश्वर सोमवार की रात हुई मूसलधार बारिश से प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर धान के निचले खेत जलमग्न हो गये हैं. विभिन्न जगहों पर पानी निकासी की व्यवस्था मुकम्मल नहीं रहने से लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है. रानीश्वर बाजार के पीछे नाली जाम हो जाने से कई घरों में पानी घुस गया है. काफी मशक्कत कर घरों से पानी निकाला गया है. आसनबनी, पाथरा, सादीपुर, तसरकाटा, कुमिरदहा आदि गांवों के निचले स्तर के खेत जलमग्न हो जाने से रोपी गयी धान की फसल पानी में डूबी है. किसानों ने बताया कि पानी के नीचे यदि धान की फसल दो चार दिनों तक डूबा रह जायेगा तो फसल गल जाने की संभावना है. आसनबनी के सपन मंडल ने बताया कि उनके निचले स्तर के रोपे गये जमीन पर धान रोपनी के बाद पानी में डूब जाने से धान फसल डूब गयी थी. दोबारा धान रोपनी करनी पड़ी. भारी बारिश होने से एक बार फिर से धान फसल डूब गयी है. फोटो—तसरकाटा के समीप जलमग्न धान खेत. सिद्धेश्वरी व अन्य नदियां का जलस्तर बढ़ा, कटाव जारी रानीश्वर. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हुई भारी बारिश से सिद्धेश्वरी, मयूराक्षी तथा अन्य सभी छोटी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. सिद्धेश्वरी नदी ऊफान पर है. दोनों किनारे भर कर पानी बह रहा है. सभी छोटी नदी व जोरिया का पानी मयूराक्षी नदी में गिरने से मयुराक्षी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. हालांकि समाचार भेजे जाने तक मसानजोर डैम से गेट नहीं खोला गया था. मसानजोर डैम के नीचे सादीपुर शिलाजुड़ी के पास मयुराक्षी नदी में सिद्धेश्वरी व फटीक नदी मिलने तथा थोड़ी दूरी पर बिलकी नदी भी मिलने से मयूराक्षी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. द्वारका, सालतोला, झुमरी जोरिया का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है. भारी बारिश से कई कच्चे मकान गिरे रानीश्वर. बारिश से विभिन्न गांवों में कई कच्चे मकान गिरने की सूचना मिली है. जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. रांगालिया पंचायत के लकड़ाघाटी गांव के विधवा सायरा बीबी के कच्चे मकान गिर जाने से उनकी परेशानी बढ़ गयी है. उन्होंने बताया कि मकान गिर जाने से परेशानी बढ़ गयी है. तत्काल प्रशासन की ओर से कुछ सहायता मिलने राहत मिलती. कच्चे मकान का एक हिस्सा गिरा है. लगातार बारिश होने से पूरे मकान धराशायी होने की संभावना है. गांव के जुबेदा बीबी के कच्चे मकान भी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया है. जानकारी के अनुसार बिलकांदी पंचायत के जामजुड़ी गांव में भी कई कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं. =================== फोटो–भारी बारिश से गिरा कच्चा मकान =================== मसानजोर डैम का जलस्तर 390.40 फीट पर पहुंचा रानीश्वर : मंगलवार की सुबह 8:00 बजे मसानजोर डैम का जलस्तर 390.40 रिकॉर्ड किया गया है. हालांकि देर शाम तक जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है. मसानजोर में 50.4 मिली बारिश रिकार्ड किया गया है. वहीं रानीश्वर में 105 मिमी बारिश रिकार्ड किया गया है. इससे पहले शनिवार तक डैम का जलस्तर 388.70 फीट पर था. दुमका व आसपास के क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते डैम का जलस्तर लगातार बढ़ने से डैम प्रबंधन डैम से गेट खोल कर जलस्तर नियंत्रण में रखने के लिए तीन फ्लड गेट से छह गेट खोल कर जलस्तर 390 फीट के नीचे कर दिया था. डैम का गेट बंद करने के बाद जलस्तर फिर से बढ़ रहा है =================== फोटो===मसानजोर डैम —————— पीएचसी आसनबनी के सामने जलजमाव बरकरार रानीश्वर : भारी बारिश होते ही पीएचसी आसनबनी परिसर में तालाब जैसा नजारा अब आम बात बन गयी है. साथ ही आसनबनी से हरिपुर जाने वाले सड़क पर भी जल जमाव गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. साथ ही पीएचसी के पीछे मुहल्ले में भी जलजमाव विकराल रुप ले लिया है. जल निकासी की व्यवस्था नहीं रहने से यह समस्या उत्पन्न हो गया है. जानकारी के अनुसार पीएचसी के समीप पहले एक पुलिया से बरसात का पानी निकासी हो रहा था. पुलिया बंद हो जाने से जल निकासी भी बंद हो जाने से पीएचसी परिसर तथा आसपास सड़क व मुहल्ले में भी बरसात का पानी जमा रह जाता है. जल निकासी की व्यवस्था के लिए करीब तीन साल पहले ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सड़क किनारे जल निकासी नाली निर्माण कराया गया था. पर नाली की लंबाई कम होने के कारण उस नाली से जल निकासी नहीं हो पा रहा है. पीएचसी परिसर में जल जमाव से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ साथ मरीजों को परेशानी झेलना पड़ता है. वहीं सड़क पर जल जमाव से स्कूली बच्चों को परेशानी झेलना पड़ता है. पीएचसी के सामने से मिडिल स्कूल, हाईस्कूल, माडल स्कूल,मिशन स्कूल तथा एक प्राईवेट स्कूल के बच्चों को आना जाना करना पड़ता है. पैदल स्कूल जाने वाले बच्चों को जूता चप्पल खोल कर हाथों में लेकर आना जाना करना पड़ता है. बाइट पीएचसी में जल जमाव एक जटिल समस्या उत्पन्न हो गया है. इसका निदान के लिए पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर ध्यानाकृष्ट कराना होगा. सड़क किनारे पथ निर्माण विभाग की ओर से निकासी नाली निर्माण कराये जाने से समस्या का समाधान होगा. डॉ नदियानंद मंडल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रानीश्वर =================== फोटो पीएचसी आसनबनी के सामने तालाब जैसा नजारा

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