माल जाति के लोगों ने सूचीबद्ध करने की उठायी मांग, मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन
प्रतिनिधि, रानीश्वरमाल जाति को जाति की सूची में शामिल नहीं किया गया है. इससे लोग सरकारी सुविधा से वंचित रह रहे हैं. पश्चिम बंगाल सीमा से सटे रानीश्वर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रहने वाले माल जाति के लोगों ने जाति सूची शामिल करने की मांग उठायी है. दुमका जिले के विभिन्न प्रखंडों के अलावा जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा आदि जिले में माल जाति के लोग निवास करते हैं. माल जाति के लोग मुख्यत: मजदूरी कर तथा मछली पकड़ कर आजीविका चला रहे हैं. इन लोगों का आर्थिक स्थिति दयनीय है. सोमवार को गोबिंदपुर पंचायत के दिगुली गांव के माल जाति के लोगों ने झारखंड सरकार के जाति सूची में माल जाति का नाम शामिल करने की मांग की. एकजुट होने की अपील की. इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने की तैयारी को लेकर चर्चा की. प्रखंड क्षेत्र के दिगुली, आलगपाथर, बिलकांदी, हरिपुर, निझुरी, सुखजोड़ा आदि गांवों में काफी संख्या में माल जाति के लोग निवास करते हैं. इसके पहले भी जाति के लोगों ने जाति सूची में माल जाति को शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन किया है.
क्या कहते हैं दिगुली के लोग
जाति सूची में शामिल करने की मांग को लेकर जगह-जगह बैठक की जा रही है. हमलोगों को विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आंदोलन तेज करने के लिए गांव-गांव में लोगों से संपर्क किया जा रहा है.
बलाई मालहमारे बच्चों से स्कूल में सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जाति प्रमाण-पत्र मांगा जाता है. सूची में नाम नहीं रहने से निर्गत नहीं होता है. हमलोग मजदूरी कर जीवन बसर करते हैं. आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार को सर्वे कराना चाहिए. माल जाति को जाति सूची में शामिल करने के लिए सरकार को अपने स्तर से पहल करनी चाहिए. मजदूरी कर जीविकोपार्जन कर परिवार चलाते हैं.सदानंद मालसर्वे करने से ही पता चल जायेगा कि जाति के लोगों का आर्थिक स्थिति क्या है. जाति सूची में शामिल नहीं रहने से सभी जगहों पर माल जाति के लोगों को परेशानी झेलना पड़ती है. सरकार को पहल करनी चाहिए.
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